रासायनिक सूत्र: Difference between revisions

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उदाहरण जैसे सोडियम क्लोराइड(NaCl) में सबसे पहले धातु अर्थात सोडियम का नाम लिखा जाता है। ठीक वैसे ही कैल्शियम सल्फाइड में कैल्शियम कॉपर ऑक्साइड में कॉपर।
उदाहरण जैसे सोडियम क्लोराइड(NaCl) में सबसे पहले धातु अर्थात सोडियम का नाम लिखा जाता है। ठीक वैसे ही कैल्शियम सल्फाइड में कैल्शियम कॉपर ऑक्साइड में कॉपर।


बहुपरमाणुक आयनों द्वारा निर्मित यौगिकों में आयनों की संख्या दर्शाने के लिए आयन को कोष्ठक में लिखकर आयनों की संख्या कोष्टक के बाहर लिखते हैं उदाहरण Ca(OH)<sub>2</sub> यदि बहुपरमाणुक आयन की संख्या 1 हो तो कोष्टक की आवश्यकता नहीं होती उदाहरण NaOH
बहुपरमाणुक आयनों द्वारा निर्मित यौगिकों में आयनों की संख्या दर्शाने के लिए आयन को कोष्ठक में लिखकर आयनों की संख्या कोष्टक के बाहर लिखते हैं उदाहरण Ca(OH)<sub>2</sub> यदि बहुपरमाणुक आयन की संख्या 1 हो तो कोष्टक की आवश्यकता नहीं होती उदाहरण NaOH।
 
== सरल यौगिकों के सूत्र ==
संयोजकता का उपयोग करके रासायनिक सूत्र निम्न प्रकार लिखा जा सकता है। संयोजित परमाणुओं की संयोजकता को क्रॉस करके अणुसूत्र लिख सकते हैं।
 
# '''हाइड्रोजन क्लोरइड का सूत्र'''
 
हाइड्रोजन क्लोराइड का रासायनिक सूत्र लिखते समय हम देखेंगे कि हाइड्रोजन और क्लोरीन की संयोजकताएँ कितनी है जैसे हाइड्रोजन की संयोजकता 1 है और क्लोरीन की संयोजकता भी 1 है अतः हाइड्रोजन की संयोजकता को क्लोरीन में और क्लोरीन की संयोजकता को हाइड्रोजन में गुणा कर देंगे, अतः हाइड्रोजन में एक का और क्लोरीन में भी एक का गुणा करने पर जो रासायनिक सूत्र प्राप्त हुआ है वह है '''HCl'''
 
'''2.  हाइड्रोजन सल्फाइड का सूत्र'''
 
हाइड्रोजन सल्फाइड का रासायनिक सूत्र लिखते समय हम देखेंगे कि हाइड्रोजन और सल्फर की संयोजकताएँ कितनी है जैसे हाइड्रोजन की संयोजकता 1 है और सल्फर  की संयोजकता भी 2 है अतः हाइड्रोजन की संयोजकता को सल्फर में और सल्फर की संयोजकता को हाइड्रोजन में गुणा कर देंगे, अतः हाइड्रोजन में 2  का और सल्फर में  एक का गुणा करने पर जो रासायनिक सूत्र प्राप्त हुआ है वह है '''H<sub>2</sub>S'''।
 
'''3. कार्बन टेट्राक्लोरइड का सूत्र'''
 
कार्बन टेट्राक्लोरइड का रासायनिक सूत्र लिखते समय हम देखेंगे कि कार्बनऔर क्लोरीन की संयोजकताएँ कितनी है जैसे कार्बन की संयोजकता 4 है और क्लोरीन की संयोजकता 1 है अतः कार्बन की संयोजकता को क्लोरीन में और क्लोरीन की संयोजकता को कार्बन में गुणा कर देंगे, अतः कार्बन में 1 का और क्लोरीन में 4 का गुणा करने पर जो रासायनिक सूत्र प्राप्त हुआ है वह है '''CCl<sub>4</sub>'''।
 
मैग्नीशियम क्लोरइड का सूत्र ज्ञात करने के लिए पहले हम धनायन का संकेत (Mg<sup>+2</sup>) लिखते हैं इसके पश्चात ऋणायन क्लोराइड (Cl<sup>-</sup>) लिखते हैं। तत्पश्चात इनके आवेशों को क्रॉस गुणा करके हम सूत्र प्राप्त कर लेते हैं
 
'''4. मैग्नीशियम क्लोरइड का सूत्र'''
 
मैग्नीशियम क्लोरइड के अणु में दो क्लोराइड प्रत्येक मैग्नीशियम आयन (Mg<sup>+2</sup>) के लिए होता है। इस प्रकार के आयनिक यौगिकों में धनात्मक तथा ऋणायन आवेशों का संतुलन होना चाहिए तथा सम्पूर्ण संरचना उदासीन होनी चाहिए। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस प्रकार के सूत्रों में आयनों के आवेशों को नहीं दर्शाया जाता है। <blockquote>Mg      Cl
 
<big>᙭</big>
 
+2        -1
 
अतः सूत्र MgCl<sub>2</sub> होगा।</blockquote>इस प्रकार हम देखते हैं की मैग्नीशियम क्लोराइड के अणु में दो क्लोराइड आयन (Cl<sup>-</sup>) प्रत्येक मैग्नीशियम आयन (Mg+2 ) के लिए होता है। इस प्रकार के आयनिक यौगिकों में धनात्मक तथा आवेशों का संतुलन होना चाहिए तथा सम्पूर्ण संरचना उदासीन होनी चाहिए।

Revision as of 12:04, 25 May 2023

किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है। भिन्न भिन्न यौगिकों के रासायनिक सूत्र भिन्न भिन्न होताे हैं। किसी भी यौगिक का रसायनिक सूत्र लिखने से पहले उन तत्वों का प्रतीक एवं उनकी संयोजन क्षमताएँ ज्ञात होनी चाहिए।

  • रासायनिक सूत्र लिखते समय आपको निम्न नियमों का पालन करना चाहिए:
  • आयन की संयोजकता अथवा आवेश संतुलित होना चाहिए।
  • जैसा कि हम जानते हैं कि एक यौगिक किसी धातु एवं अधातु के संयोग से निर्मित होता है अतः धातु के नाम को रासायनिक सूत्र में सर्वप्रथम लिखना चाहिए। धातुओं का नाम बायीं तरफ लिखते हैं।

उदाहरण जैसे सोडियम क्लोराइड(NaCl) में सबसे पहले धातु अर्थात सोडियम का नाम लिखा जाता है। ठीक वैसे ही कैल्शियम सल्फाइड में कैल्शियम कॉपर ऑक्साइड में कॉपर।

बहुपरमाणुक आयनों द्वारा निर्मित यौगिकों में आयनों की संख्या दर्शाने के लिए आयन को कोष्ठक में लिखकर आयनों की संख्या कोष्टक के बाहर लिखते हैं उदाहरण Ca(OH)2 यदि बहुपरमाणुक आयन की संख्या 1 हो तो कोष्टक की आवश्यकता नहीं होती उदाहरण NaOH।

सरल यौगिकों के सूत्र

संयोजकता का उपयोग करके रासायनिक सूत्र निम्न प्रकार लिखा जा सकता है। संयोजित परमाणुओं की संयोजकता को क्रॉस करके अणुसूत्र लिख सकते हैं।

  1. हाइड्रोजन क्लोरइड का सूत्र

हाइड्रोजन क्लोराइड का रासायनिक सूत्र लिखते समय हम देखेंगे कि हाइड्रोजन और क्लोरीन की संयोजकताएँ कितनी है जैसे हाइड्रोजन की संयोजकता 1 है और क्लोरीन की संयोजकता भी 1 है अतः हाइड्रोजन की संयोजकता को क्लोरीन में और क्लोरीन की संयोजकता को हाइड्रोजन में गुणा कर देंगे, अतः हाइड्रोजन में एक का और क्लोरीन में भी एक का गुणा करने पर जो रासायनिक सूत्र प्राप्त हुआ है वह है HCl

2. हाइड्रोजन सल्फाइड का सूत्र

हाइड्रोजन सल्फाइड का रासायनिक सूत्र लिखते समय हम देखेंगे कि हाइड्रोजन और सल्फर की संयोजकताएँ कितनी है जैसे हाइड्रोजन की संयोजकता 1 है और सल्फर  की संयोजकता भी 2 है अतः हाइड्रोजन की संयोजकता को सल्फर में और सल्फर की संयोजकता को हाइड्रोजन में गुणा कर देंगे, अतः हाइड्रोजन में 2  का और सल्फर में  एक का गुणा करने पर जो रासायनिक सूत्र प्राप्त हुआ है वह है H2S

3. कार्बन टेट्राक्लोरइड का सूत्र

कार्बन टेट्राक्लोरइड का रासायनिक सूत्र लिखते समय हम देखेंगे कि कार्बनऔर क्लोरीन की संयोजकताएँ कितनी है जैसे कार्बन की संयोजकता 4 है और क्लोरीन की संयोजकता 1 है अतः कार्बन की संयोजकता को क्लोरीन में और क्लोरीन की संयोजकता को कार्बन में गुणा कर देंगे, अतः कार्बन में 1 का और क्लोरीन में 4 का गुणा करने पर जो रासायनिक सूत्र प्राप्त हुआ है वह है CCl4

मैग्नीशियम क्लोरइड का सूत्र ज्ञात करने के लिए पहले हम धनायन का संकेत (Mg+2) लिखते हैं इसके पश्चात ऋणायन क्लोराइड (Cl-) लिखते हैं। तत्पश्चात इनके आवेशों को क्रॉस गुणा करके हम सूत्र प्राप्त कर लेते हैं

4. मैग्नीशियम क्लोरइड का सूत्र

मैग्नीशियम क्लोरइड के अणु में दो क्लोराइड प्रत्येक मैग्नीशियम आयन (Mg+2) के लिए होता है। इस प्रकार के आयनिक यौगिकों में धनात्मक तथा ऋणायन आवेशों का संतुलन होना चाहिए तथा सम्पूर्ण संरचना उदासीन होनी चाहिए। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस प्रकार के सूत्रों में आयनों के आवेशों को नहीं दर्शाया जाता है।

Mg Cl

+2 -1

अतः सूत्र MgCl2 होगा।

इस प्रकार हम देखते हैं की मैग्नीशियम क्लोराइड के अणु में दो क्लोराइड आयन (Cl-) प्रत्येक मैग्नीशियम आयन (Mg+2 ) के लिए होता है। इस प्रकार के आयनिक यौगिकों में धनात्मक तथा आवेशों का संतुलन होना चाहिए तथा सम्पूर्ण संरचना उदासीन होनी चाहिए।