विरंजक चूर्ण: Difference between revisions

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विरंजक चूर्ण या ब्लीचिंग पाउडर एक अकार्बनिक यौगिक है। यह एक सफेद रंग का पदार्थ होता है। इसे सूंघने पर क्लोरीन  की तीव्र गन्ध आती रहती है। पीने के पानी के शुद्धिकरण में इसका उपयोग करते है। क्लोरोफॉर्म तथा क्लोरीन गैस बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम कैल्शियम आक्सी क्लोराइड, तथा इसका रासायनिक सूत्र CaOCl<sub>2</sub> है। इसे ब्लीचिंग पाउडर भी कहते हैं। शुष्क बुझे हुए चूने Ca(OH)<sub>2</sub> पर क्लोरीन गैस प्रवाहित करके इसका उत्पादन किया जाता है। जलीय सोडियम क्लोराइड के विधुत अपघटन से क्लोरीन का निर्माण होता है। इस क्लोरीन गैस का उपयोग विरंजक चूर्ण के उत्पादन के लिए भी किया जाता है।  
विरंजक चूर्ण या ब्लीचिंग पाउडर एक अकार्बनिक यौगिक है। यह एक सफेद रंग का पदार्थ होता है, इसे सूंघने पर क्लोरीन  की तीव्र गन्ध आती रहती है। पीने के पानी के शुद्धिकरण में इसका उपयोग करते है। विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम कैल्शियम आक्सी क्लोराइड, तथा इसका रासायनिक सूत्र CaOCl<sub>2</sub> है। इसे ब्लीचिंग पाउडर भी कहते हैं। क्लोरोफॉर्म तथा क्लोरीन गैस बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। शुष्क बुझे हुए चूने Ca(OH)<sub>2</sub> पर क्लोरीन गैस प्रवाहित करके इसका उत्पादन किया जाता है, जलीय सोडियम क्लोराइड के विधुत अपघटन से क्लोरीन का निर्माण होता है। इस क्लोरीन गैस का उपयोग विरंजक चूर्ण के उत्पादन के लिए भी किया जाता है।  


== विरंजक चूर्ण बनाने की विधि ==
== विरंजक चूर्ण बनाने की विधि ==

Revision as of 16:50, 2 June 2023

विरंजक चूर्ण या ब्लीचिंग पाउडर एक अकार्बनिक यौगिक है। यह एक सफेद रंग का पदार्थ होता है, इसे सूंघने पर क्लोरीन की तीव्र गन्ध आती रहती है। पीने के पानी के शुद्धिकरण में इसका उपयोग करते है। विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम कैल्शियम आक्सी क्लोराइड, तथा इसका रासायनिक सूत्र CaOCl2 है। इसे ब्लीचिंग पाउडर भी कहते हैं। क्लोरोफॉर्म तथा क्लोरीन गैस बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। शुष्क बुझे हुए चूने Ca(OH)2 पर क्लोरीन गैस प्रवाहित करके इसका उत्पादन किया जाता है, जलीय सोडियम क्लोराइड के विधुत अपघटन से क्लोरीन का निर्माण होता है। इस क्लोरीन गैस का उपयोग विरंजक चूर्ण के उत्पादन के लिए भी किया जाता है।

विरंजक चूर्ण बनाने की विधि

शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2] पर क्लोरीन की क्रिया करने से विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है। इस क्रिया के लिए प्रयुक्त CI2 को सोडियम क्लोराइड के अपघटन द्वारा तैयार किया जाता है।


विरंजक चूर्ण की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया

जब विरंजक चूर्ण तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो यह क्लोरीन गैस उत्पन्न करता है।

  

विरंजक चूर्ण की विशेषताएं

  • यह हल्का पीला चूर्ण है।
  • इसमें क्लोरीन की प्रबल गंध होती है।
  • यह जल में विलेय है
  • यह कार्बन डाई ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करके  क्लोरीन का निर्माण करता है।  

विरंजक चूर्ण का उपयोग

  • इसका उपयोग कपड़ा उद्योग और कागज कारखानों में ब्लीचिंग एजेंट के रूप में किया जाता है।
  • पीने के पानी को कीटाणु मुक्त बनाने के लिए इसका उपयोग कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है।
  • इसका उपयोग रासायनिक उद्योगों में ऑक्सीकारक के रूप में किया जाता है।
  • यह विरंजक कॉटन, टेक्सटाइल उद्योगो में लिनन लाउन्ड्री में विरंजित कपड़ो को धोने के लिए प्रयुक्त होता है।

अभ्यास प्रश्न

  • क्या होता है जब विरंजक चूर्ण की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कराई जाती है ?
  • विरंजक चूर्ण का रासायनिक सूत्र क्या है ? इसकी निर्माण विधि का रासायनिक समीकरण दीजिए।
  • पीने के पानी को कीटाणु मुक्त बनाने के लिए किस रसायन का  उपयोग किया जाता है ?
  • विरंजक चूर्ण के कोई दो उपयोग बताइये।
  • विरंजक चूर्ण का उपयोग क्लोरीन गैस के निर्माण में किस प्रकार किया जाता है ?