संयोजन अभिक्रिया: Difference between revisions

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=== उदाहरण ===
=== उदाहरण ===
प्राकृतिक गैस का दहन:


==== प्राकृतिक गैस का दहन: ====
<chem>CH4(g) + 2O2(g) -> CO2(g) +2H2O(g) + </chem> <big>ऊष्मा</big>
<chem>CH4(g) + 2O2(g) -> CO2(g) +2H2O(g) + </chem> <big>ऊष्मा</big>


प्राकृतिक गैस का दहन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है, इसमें हवा की उपस्थिति में मेथेन कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है और साथ ही अत्यधिक ऊर्जा निकलती है।
प्राकृतिक गैस का दहन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है, इसमें हवा की उपस्थिति में मेथेन कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है और साथ ही अत्यधिक ऊर्जा निकलती है।
==== श्वसन अभिक्रिया ====
जीवित रहने के लिए हमे ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमे भोजन से प्राप्त होती है। पाचन क्रिया के समय भोज्य पदार्थ छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं। जैसे कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोस प्राप्त होता है। यह ग्लूकोस हमारे शरीर की कोशिकाओं की उपस्थित में ऑक्सीजन से मिलकर हमे ऊर्जा प्रदान करता है।  
<chem>C6H12O6(aq) + 6O2(aq) -> 6 CO2(aq) + 6H2O(l) +</chem> <big>ऊष्मा</big>

Revision as of 11:43, 8 June 2023

संयोजन अभिक्रियाएँ, जिन्हें संश्लेषण अभिक्रियाएँ भी कहा जाता है, वे रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं जिनमें दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक उत्पाद का निर्माण करते हैं। इन अभिक्रियाओं में, अभिकारक सामान्यतः तत्व या यौगिक होते हैं, और उत्पाद हमेशा एक यौगिक होता है। अर्थात इसे सरल शब्दों में ऐसे भी कहा जा सकता है:

ऐसी अभिक्रिया जिसमे दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं।

उदाहरण

कैल्शियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके बुझे हुए चूने (कैल्शियम हीड्राकसीड) का निर्माण करके अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है।

+ ऊष्मा

इस अभिक्रिया में कैल्शियम ऑक्साइड तथा जल मिलकर एकल  उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयोजन अभिक्रिया कहते है।

H2O का निर्माण भी एक संयोजन अभिक्रिया का उदाहरण है।

ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया

जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ साथ ऊष्मा भी उतपन्न होती है उन्हें ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं।

उदाहरण

प्राकृतिक गैस का दहन:

ऊष्मा

प्राकृतिक गैस का दहन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है, इसमें हवा की उपस्थिति में मेथेन कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है और साथ ही अत्यधिक ऊर्जा निकलती है।

श्वसन अभिक्रिया

जीवित रहने के लिए हमे ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमे भोजन से प्राप्त होती है। पाचन क्रिया के समय भोज्य पदार्थ छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं। जैसे कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोस प्राप्त होता है। यह ग्लूकोस हमारे शरीर की कोशिकाओं की उपस्थित में ऑक्सीजन से मिलकर हमे ऊर्जा प्रदान करता है।  

ऊष्मा