वैधुत संयोजक यौगिक: Difference between revisions
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दो असमान परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से जो बंध बनते हैं वे वैधुत संयोजक बंध कहलाते हैं। इसमें एक परमाणु इलेक्ट्रान देता है वह '''इलेक्ट्रॉन दाता''' कहलाता है और जो इलेक्ट्रान ग्रहण करता है उसे '''इलेक्ट्रान ग्राही''' कहते हैं। वैधुत संयोजक योगिक वे परमाणु बनाते हैं जिनमे अष्टक नियम लागू नहीं होता यह स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिए या अष्टक नियम पूर्ण करने के लिए इलेक्ट्रान का आदान प्रदान करते हैं और आयनिक योगिक का निर्माण करते हैं। वे यौगिक जो वैधुत संयोजक बंध बनाते हैं आयनिक यौगिक कहलाते हैं। | दो असमान परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से जो बंध बनते हैं वे वैधुत संयोजक बंध कहलाते हैं। इसमें एक परमाणु इलेक्ट्रान देता है वह '''इलेक्ट्रॉन दाता''' कहलाता है और जो इलेक्ट्रान ग्रहण करता है उसे '''इलेक्ट्रान ग्राही''' कहते हैं। वैधुत संयोजक योगिक वे परमाणु बनाते हैं जिनमे अष्टक नियम लागू नहीं होता यह स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिए या अष्टक नियम पूर्ण करने के लिए इलेक्ट्रान का आदान प्रदान करते हैं और आयनिक योगिक का निर्माण करते हैं। वे यौगिक जो वैधुत संयोजक बंध बनाते हैं आयनिक यौगिक कहलाते हैं, इन्हे ध्रुवीय यौगिक भी कहते हैं। | ||
Revision as of 23:18, 12 June 2023
दो असमान परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से जो बंध बनते हैं वे वैधुत संयोजक बंध कहलाते हैं। इसमें एक परमाणु इलेक्ट्रान देता है वह इलेक्ट्रॉन दाता कहलाता है और जो इलेक्ट्रान ग्रहण करता है उसे इलेक्ट्रान ग्राही कहते हैं। वैधुत संयोजक योगिक वे परमाणु बनाते हैं जिनमे अष्टक नियम लागू नहीं होता यह स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिए या अष्टक नियम पूर्ण करने के लिए इलेक्ट्रान का आदान प्रदान करते हैं और आयनिक योगिक का निर्माण करते हैं। वे यौगिक जो वैधुत संयोजक बंध बनाते हैं आयनिक यौगिक कहलाते हैं, इन्हे ध्रुवीय यौगिक भी कहते हैं।