संकलन अभिक्रिया: Difference between revisions

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== संकलन अभिक्रिया का उपयोग ==
== संकलन अभिक्रिया का उपयोग ==
* संकलन अभिक्रिया का उपयोग संतृप्त वसा अम्ल का उपयोग करने के लिए किया जाता है।
* संकलन अभिक्रिया का उपयोग स्थाई यौगिक बनाने के लिए किया जाता है।
* इसका उपयोग असंतृप्त यौगिकों को संतृप्त यौगिकों में बदलने के लिए किया जाता है।

Revision as of 10:26, 13 June 2023

"ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एक उत्पाद बनाते हैं, योगात्मक अभिक्रिया कहलाती है।" कार्बनिक रसायन विज्ञान में, सामान्यतःअसंतृप्त यौगिकों के लिए योगात्मक अभिक्रिया होती है। निकिल तथा पैलेडियम उत्प्रेरक की उपस्थित में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन पर हाइड्रोजन का योग करने से संतृप्त हाइड्रोकार्बन प्राप्त होता है। इस अभिक्रिया को योगात्मक अभिक्रिया कहते हैं। यह अभिक्रिया संकलन अभिक्रिया के अंतर्गत आती है। वनस्पति तेलों में लम्बी असंतृप्त कार्बन श्रृंखलाएँ होती हैं। जंतु वसा में संतृप्त कार्बन श्रृंखलाएँ होती हैं। वनस्पति तेल स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। जंतु वसा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, क्योंकि जंतु वसा में संतृप्त वसा अम्ल होते हैं। भोजन पकाने के लिए असंतृप्त वसा अम्लों वाले तेलों का प्रयोग करना चाहिए।


इस अभिक्रिया में निकिल तथा पैलेडियम उत्प्रेरक की तरह कार्य करते हैं जो अभिक्रिया के वेग को बढ़ाते हैं।

संकलन अभिक्रिया सिर्फ असंतृप्त यौगिकों द्वारा होती है। जबकि संतृप्त यौगिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया देते हैं। संकलन अभिक्रिया द्वारा बहुत ही स्थाई यौगिक प्राप्त होता है। संकलन अभिक्रिया द्वारा बनने वाला सिग्मा बंध अत्यधिक स्थायी होता है।

संकलन अभिक्रिया के उदाहरण

एथिलीन पर हाइड्रोजन ब्रोमाइड का योग करने पर एथिल ब्रोमाइड प्राप्त होता हैं।


एथिलीन पर ब्रोमीन का योग करने पर एथिलिडीन डाइब्रोमाइड प्राप्त होता है। ब्रोमाइड प्राप्त होता हैं।


एथिलीन पर जल का योग करने पर एथिल एलकोहॉल प्राप्त होता है।


संकलन अभिक्रिया का उपयोग

  • संकलन अभिक्रिया का उपयोग संतृप्त वसा अम्ल का उपयोग करने के लिए किया जाता है।
  • संकलन अभिक्रिया का उपयोग स्थाई यौगिक बनाने के लिए किया जाता है।
  • इसका उपयोग असंतृप्त यौगिकों को संतृप्त यौगिकों में बदलने के लिए किया जाता है।