चालन: Difference between revisions
Listen
No edit summary |
No edit summary |
||
| Line 3: | Line 3: | ||
चालन, ऊष्मा स्थानांतरण की एक प्रक्रिया है जो तब होती है जब एक दूसरे के सीधे संपर्क में दो वस्तुओं या क्षेत्रों के बीच तापमान में अंतर होता है। संचालन में, ऊष्मा ऊर्जा को किसी सामग्री के भीतर या संपर्क में विभिन्न सामग्रियों के बीच प्रत्यक्ष आणविक या परमाणु इंटरैक्शन के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है। | चालन, ऊष्मा स्थानांतरण की एक प्रक्रिया है जो तब होती है जब एक दूसरे के सीधे संपर्क में दो वस्तुओं या क्षेत्रों के बीच तापमान में अंतर होता है। संचालन में, ऊष्मा ऊर्जा को किसी सामग्री के भीतर या संपर्क में विभिन्न सामग्रियों के बीच प्रत्यक्ष आणविक या परमाणु इंटरैक्शन के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है। | ||
जब तापमान प्रवणता होती है, जिसका अर्थ है कि पथ के साथ तापमान में अंतर होता है, तो ऊष्मा उच्च तापमान वाले क्षेत्र से कम तापमान वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है। गर्म क्षेत्र में अणुओं या परमाणुओं में उच्च गतिज ऊर्जा होती है और वे | जब तापमान प्रवणता होती है, जिसका अर्थ है कि पथ के साथ तापमान में अंतर होता है, तो ऊष्मा उच्च तापमान वाले क्षेत्र से कम तापमान वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है। गर्म क्षेत्र में अणुओं या परमाणुओं में उच्च गतिज ऊर्जा होती है और वे समीप के कणों से टकराते हैं, जिससे उनकी कुछ ऊर्जा स्थानांतरित हो जाती है। ये टकराव, तब तक अधिक ऊष्मा क्षेत्र से कम ऊर्जा क्षेत्र तक ऊर्जा के हस्तांतरण को प्रसारित करते रहते हैं जब तक कि तापीय (थर्मल) संतुलन स्थापित नहीं हो कर तापमान एक समान नहीं हो जाता है। | ||
किसी पदार्थ की ऊष्मा संचालित करने की क्षमता उसकी तापीय चालकता से निर्धारित होती है। उच्च तापीय चालकता वाली सामग्री, जैसे धातु (जैसे, तांबा, एल्यूमीनियम), गर्मी के अच्छे संवाहक होते हैं और गर्मी को कुशलता से स्थानांतरित कर सकते हैं। इसके विपरीत, कम तापीय चालकता वाली सामग्री, जैसे वायु (हवा) या कुचालक (इन्सुलेशन) पदार्थ (जैसे, लकड़ी, रबर), खराब चालक (कंडक्टर) होते हैं और गर्मी के हस्तांतरण में बाधा डालते हैं। | किसी पदार्थ की ऊष्मा संचालित करने की क्षमता उसकी तापीय चालकता से निर्धारित होती है। उच्च तापीय चालकता वाली सामग्री, जैसे धातु (जैसे, तांबा, एल्यूमीनियम), गर्मी के अच्छे संवाहक होते हैं और गर्मी को कुशलता से स्थानांतरित कर सकते हैं। इसके विपरीत, कम तापीय चालकता वाली सामग्री, जैसे वायु (हवा) या कुचालक (इन्सुलेशन) पदार्थ (जैसे, लकड़ी, रबर), खराब चालक (कंडक्टर) होते हैं और गर्मी के हस्तांतरण में बाधा डालते हैं। | ||
Revision as of 19:48, 3 July 2023
Conduction
चालन, ऊष्मा स्थानांतरण की एक प्रक्रिया है जो तब होती है जब एक दूसरे के सीधे संपर्क में दो वस्तुओं या क्षेत्रों के बीच तापमान में अंतर होता है। संचालन में, ऊष्मा ऊर्जा को किसी सामग्री के भीतर या संपर्क में विभिन्न सामग्रियों के बीच प्रत्यक्ष आणविक या परमाणु इंटरैक्शन के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है।
जब तापमान प्रवणता होती है, जिसका अर्थ है कि पथ के साथ तापमान में अंतर होता है, तो ऊष्मा उच्च तापमान वाले क्षेत्र से कम तापमान वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है। गर्म क्षेत्र में अणुओं या परमाणुओं में उच्च गतिज ऊर्जा होती है और वे समीप के कणों से टकराते हैं, जिससे उनकी कुछ ऊर्जा स्थानांतरित हो जाती है। ये टकराव, तब तक अधिक ऊष्मा क्षेत्र से कम ऊर्जा क्षेत्र तक ऊर्जा के हस्तांतरण को प्रसारित करते रहते हैं जब तक कि तापीय (थर्मल) संतुलन स्थापित नहीं हो कर तापमान एक समान नहीं हो जाता है।
किसी पदार्थ की ऊष्मा संचालित करने की क्षमता उसकी तापीय चालकता से निर्धारित होती है। उच्च तापीय चालकता वाली सामग्री, जैसे धातु (जैसे, तांबा, एल्यूमीनियम), गर्मी के अच्छे संवाहक होते हैं और गर्मी को कुशलता से स्थानांतरित कर सकते हैं। इसके विपरीत, कम तापीय चालकता वाली सामग्री, जैसे वायु (हवा) या कुचालक (इन्सुलेशन) पदार्थ (जैसे, लकड़ी, रबर), खराब चालक (कंडक्टर) होते हैं और गर्मी के हस्तांतरण में बाधा डालते हैं।
दैनिक जीवन के विभिन्न परिदृश्यों में चालन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, जब आप किसी गर्म धातु की सतह को छूते हैं, तो चालन धातु से गर्मी को आपके हाथ में स्थानांतरित करता है। इसी तरह, जब आप स्टोव पर खाना पकाते हैं, तो बर्नर से बर्तन तक गर्मी प्रवाहित होती है, जिससे खाना गर्म होता है। कुशल ताप अंतरण प्रणाली और इन्सुलेशन सामग्री को डिजाइन करने के लिए उष्मगतिकी (थर्मोडायनामिक्स), अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) और पदार्थ विज्ञान जैसे क्षेत्रों में चालन को समझना आवश्यक है।