अमलगम: Difference between revisions
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ये मिश्र धातु मरकरी अर्थात पारा से बनी हुई हैं। पारा मिश्र धातु को पेस्ट की तरह बना देती है। अमलगम का उपयोग दांतों की भराई में किया जा सकता है, जिसमें मरकरी होती है, हालांकि इसका एक दूसरा उपयोग अमलगम को फैलाना फिर पारा को वाष्पित करने के लिए इसे गर्म करना है, जिससे दूसरी धातु की परत निकल जाये। यदि कोई एक धातु मरकरी है तो उससे प्राप्त होने वाली धातु को अमलगम कहते हैं। शुद्ध धातु की तुलना में मिश्रधातु की विधुत चालकता तथा गलनांक कम होता है। | ये मिश्र धातु मरकरी अर्थात पारा से बनी हुई हैं। पारा मिश्र धातु को पेस्ट की तरह बना देती है। अमलगम का उपयोग दांतों की भराई में किया जा सकता है, जिसमें मरकरी होती है, हालांकि इसका एक दूसरा उपयोग अमलगम को फैलाना फिर पारा को वाष्पित करने के लिए इसे गर्म करना है, जिससे दूसरी धातु की परत निकल जाये। यदि कोई एक धातु मरकरी है तो उससे प्राप्त होने वाली धातु को अमलगम कहते हैं। शुद्ध धातु की तुलना में मिश्रधातु की विधुत चालकता तथा [[गलनांक]] कम होता है। | ||
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तांबा एवं जस्ता (Cu एवं Zn) की मिश्र धातु पीतल है। | तांबा एवं जस्ता (Cu एवं Zn) की [[मिश्र धातु]] पीतल है। | ||
ताम्र एवं टिन (Cu एवं Sn)की मिश्रधातु कांसा विधुत के कुचालक हैं , लेकिन ताम्र का उपयोग विधुतीय परिपथ बनाने में किया जाता है। | ताम्र एवं टिन (Cu एवं Sn)की मिश्रधातु कांसा विधुत के कुचालक हैं , लेकिन ताम्र का उपयोग विधुतीय परिपथ बनाने में किया जाता है। | ||
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दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं। इसे तैयार करने के लिए पहले मूल धातु को गलित अवस्था में लाया जाता है एवं ततपश्चात दुसरे तत्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें विलीन लिया जाता है। फिर इसे कमरे के ताप पर ठंडा किया जाता है। मिश्र धातु' शब्द का अर्थ दो या दो से अधिक धातुओं के योग से बनने वाला पदार्थ है। मिश्र धातु धातुओं और अन्य तत्वों के संयोजन से भी बनाई जा सकती है। मिश्र धातुओं द्वारा प्रदर्शित गुण अक्सर उनके व्यक्तिगत घटकों के गुणों से काफी भिन्न होते हैं। शुद्ध धातुओं की तुलना में मिश्र धातुओं में अधिक मजबूती और कठोरता होती है। | दो या दो से अधिक धातुओं के [[समांगी मिश्रण]] को मिश्र धातु कहते हैं। इसे तैयार करने के लिए पहले मूल धातु को गलित अवस्था में लाया जाता है एवं ततपश्चात दुसरे तत्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें विलीन लिया जाता है। फिर इसे कमरे के ताप पर ठंडा किया जाता है। मिश्र धातु' शब्द का अर्थ दो या दो से अधिक धातुओं के योग से बनने वाला पदार्थ है। मिश्र धातु धातुओं और अन्य तत्वों के संयोजन से भी बनाई जा सकती है। मिश्र धातुओं द्वारा प्रदर्शित गुण अक्सर उनके व्यक्तिगत घटकों के गुणों से काफी भिन्न होते हैं। शुद्ध धातुओं की तुलना में मिश्र धातुओं में अधिक मजबूती और कठोरता होती है। | ||
मिश्र धातु का एक उदाहरण लाल सोना है, जो तांबे और सोने को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। सोने का एक अन्य महत्वपूर्ण मिश्र धातु सफेद सोना है, जो चांदी और सोने को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। एक मिश्र धातु प्रकृति में समांगीय होती है और धातु के गुणों को बरकरार रखती है, भले ही इसकी संरचना में उपधातु या अधातु शामिल हो। फिर भी इसका धात्विक गुण बरकरार रहता है। | मिश्र धातु का एक उदाहरण लाल सोना है, जो तांबे और सोने को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। सोने का एक अन्य महत्वपूर्ण मिश्र धातु सफेद सोना है, जो चांदी और सोने को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। एक मिश्र [[धातु]] प्रकृति में समांगीय होती है और धातु के गुणों को बरकरार रखती है, भले ही इसकी संरचना में [[उपधातु]] या [[अधातु]] शामिल हो। फिर भी इसका धात्विक गुण बरकरार रहता है। | ||
मिश्र धातु दो या दो से अधिक तत्वों का समांगीय मिश्रण हैं। तत्व दो धातु या एक धातु और एक अधातु हो सकते हैं। पहले धातु को पिघलाकर और फिर उसमें अन्य तत्वों को घोलकर मिश्रधातु बनाई जाती है। उदाहरण के लिए, स्टील लोहे और कार्बन का मिश्र धातु है। | मिश्र धातु दो या दो से अधिक तत्वों का समांगीय मिश्रण हैं। तत्व दो धातु या एक धातु और एक अधातु हो सकते हैं। पहले धातु को पिघलाकर और फिर उसमें अन्य तत्वों को घोलकर मिश्रधातु बनाई जाती है। उदाहरण के लिए, स्टील लोहे और कार्बन का मिश्र धातु है। | ||
Revision as of 16:44, 24 July 2023
अमलगम
ये मिश्र धातु मरकरी अर्थात पारा से बनी हुई हैं। पारा मिश्र धातु को पेस्ट की तरह बना देती है। अमलगम का उपयोग दांतों की भराई में किया जा सकता है, जिसमें मरकरी होती है, हालांकि इसका एक दूसरा उपयोग अमलगम को फैलाना फिर पारा को वाष्पित करने के लिए इसे गर्म करना है, जिससे दूसरी धातु की परत निकल जाये। यदि कोई एक धातु मरकरी है तो उससे प्राप्त होने वाली धातु को अमलगम कहते हैं। शुद्ध धातु की तुलना में मिश्रधातु की विधुत चालकता तथा गलनांक कम होता है।
अमलगम
उदाहरण
तांबा एवं जस्ता (Cu एवं Zn) की मिश्र धातु पीतल है।
ताम्र एवं टिन (Cu एवं Sn)की मिश्रधातु कांसा विधुत के कुचालक हैं , लेकिन ताम्र का उपयोग विधुतीय परिपथ बनाने में किया जाता है।
सीसा एवं टिन (Pb एवं Sn) की मिश्रधातु सोल्डर है जिसका गलनांक बहुत कम होता है। इसका उपयोग विधुत तारों की परस्पर वेल्डिंग के लिए किया जाता है।
मिश्र धातु
दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं। इसे तैयार करने के लिए पहले मूल धातु को गलित अवस्था में लाया जाता है एवं ततपश्चात दुसरे तत्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें विलीन लिया जाता है। फिर इसे कमरे के ताप पर ठंडा किया जाता है। मिश्र धातु' शब्द का अर्थ दो या दो से अधिक धातुओं के योग से बनने वाला पदार्थ है। मिश्र धातु धातुओं और अन्य तत्वों के संयोजन से भी बनाई जा सकती है। मिश्र धातुओं द्वारा प्रदर्शित गुण अक्सर उनके व्यक्तिगत घटकों के गुणों से काफी भिन्न होते हैं। शुद्ध धातुओं की तुलना में मिश्र धातुओं में अधिक मजबूती और कठोरता होती है।
मिश्र धातु का एक उदाहरण लाल सोना है, जो तांबे और सोने को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। सोने का एक अन्य महत्वपूर्ण मिश्र धातु सफेद सोना है, जो चांदी और सोने को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। एक मिश्र धातु प्रकृति में समांगीय होती है और धातु के गुणों को बरकरार रखती है, भले ही इसकी संरचना में उपधातु या अधातु शामिल हो। फिर भी इसका धात्विक गुण बरकरार रहता है।
मिश्र धातु दो या दो से अधिक तत्वों का समांगीय मिश्रण हैं। तत्व दो धातु या एक धातु और एक अधातु हो सकते हैं। पहले धातु को पिघलाकर और फिर उसमें अन्य तत्वों को घोलकर मिश्रधातु बनाई जाती है। उदाहरण के लिए, स्टील लोहे और कार्बन का मिश्र धातु है।
अभ्यास प्रश्न
- मिश्र धातुओं को किन्ही दो उदाहरणों द्वारा समझाइये।
- मिश्र धातुओं एक समांगी हैं स्पष्ट कीजिये।
- मिश्र धातु शुद्ध धातु से किस प्रकार भिन्न है?
- एक मिश्र धातु क्या है? हमें मिश्र धातुओं की आवश्यकता क्यों है?