अपरिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ: Difference between revisions

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'अपरिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ',  नाम से ही स्पष्ट होता है कि, ऐसी समांतर श्रेढ़ीयाँ जिसमे अपरिमित अर्थात सीमित पद नही होते हैं , उन्हें हम अपरिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ कहते हैं ।  एक अपरिमित समांतर श्रेढ़ी में अंतिम पद नही होता है । अपरिमित समांतर श्रेढ़ी को हम निम्न प्रकार से निरूपित कर सकते हैं ;
 
<math>\{ a + kd , k\in N \}</math>
 
जहां ,
 
<math>a=</math> पहला पद
 
<math>d =</math> सार्व अंतर
 
<math>N=\{1,2,3,4,....\}</math>  प्राकृतिक संख्याओं का समुच्चय हैं ।
 
=== उदाहरण 1 ===
 
# <math>6,10,14,18,22,.......... </math>
# <math>3,5,7,9,...........</math>
 
उपर्युक्त उदाहरणो में समांतर श्रेढ़ीयों का प्रथम पद क्रमशः <math>6 </math> तथा <math>3</math> एवं सार्व अंतर <math>4</math>  तथा <math>2</math>  है , तथा इन श्रेढ़ीयों में असीमित अर्थात अपरिमित पद है, इसलिए इन श्रेढ़ीयों को हम अपरिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ कहेंगे ।
 
=== उदाहरण 2 ===
निम्नलिखित में से कौन अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का एक उदाहरण है ?<ref>{{Cite web|title=उदाहरण|url=https://byjus.com/question-answer/which-among-the-following-is-an-example-of-an-infinite-a-p-the-set-of-1/}}</ref>
 
# <math>10</math> तक सम संख्याओं का समुच्चय
# सम संख्याओं का समुच्चय
# <math>100</math> तक सम संख्याओं का समुच्चय
# <math>1000</math> तक सम संख्याओं का समुच्चय
 
हल
 
# <math>10</math> तक सम संख्याओं का समुच्चय  होगा <math>=\{2,4,6,8,10\}</math> अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में परिमित अर्थात सीमित पद है तो यह परिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।
# सम संख्याओं का समुच्चय होगा <math>=\{2,4,6,8,10,...........\infty \}</math> अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में अपरिमित अर्थात सीमित पद नही है , तो यह अपरिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।
# <math>100</math> तक सम संख्याओं का समुच्चय  होगा <math>=\{2,4,6,8,10,.........100\}</math> अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में परिमित अर्थात सीमित पद है , तो यह परिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।
# <math>1000</math> तक सम संख्याओं का समुच्चय होगा <math>=\{2,4,6,8,10,.........1000\}</math> अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में परिमित अर्थात सीमित पद है , तो यह परिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।
 
== अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग ==
एक अपरिमित समांतर श्रेढ़ी में जहां <math>n</math> पदों की संख्या है , तथा उसमें अपरिमित अर्थात सीमित पद नहीं है  <math>(n\longrightarrow \infty)</math>, और सार्व अंतर <math>d</math> , <math>0</math> से अधिक है अर्थात <math>(d>0)</math>,  तो  ऐसी अपरिमित समांतर श्रेढ़ी  का योग<ref>{{Cite web|url=https://stgwebsite.mindspark.in/studymaterial/math-concepts/sum-of-an-infinite-arithmetic-progression-mindspark/|title=अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग}}</ref>  <math>S_\infty = \infty</math>  होगा ।
 
एक अपरिमित समांतर श्रेढ़ी में जहां <math>n</math> पदों की संख्या है , तथा उसमें अपरिमित अर्थात सीमित पद नहीं है  <math>(n\longrightarrow \infty)</math>, और सार्व अंतर <math>d</math> , <math>0</math> से कम है अर्थात <math>(d<0)</math>,  तो  ऐसी अपरिमित समांतर श्रेढ़ी  का योग  <math>S_\infty = - \infty</math>  होगा ।
 
=== उदाहरण 1 ===
अपरिमित समांतर श्रेढ़ी <math>-2,0,2,4,6,8,............. </math> का योग ज्ञात करें ।
 
हल
 
पहला पद  <math>a = -2</math>
 
सार्व अंतर   
 
<math>d=0-(-2)</math>
 
<math>d=0+2</math>
 
<math>d=2</math>
 
अतः , यह स्पष्ट है कि सार्व अंतर <math>d=2</math> , <math>0</math> से अधिक है अर्थात <math>(d>0)</math> , तो  उपर्युक्त दी गई अपरिमित समांतर श्रेढ़ी  का योग  <math>S_\infty = \infty</math>  होगा ।
 
=== उदाहरण 2 ===
अपरिमित समांतर श्रेढ़ी <math>7,3,-1,-5,........... </math> का योग ज्ञात करें ।
 
हल
 
पहला पद  <math>a = 7</math>
 
सार्व अंतर   
 
<math>d=3-7</math>
 
<math>d=-4</math>
 
अतः , यह स्पष्ट है कि सार्व अंतर <math>d=-4</math> , <math>0</math> से कम है अर्थात  <math>(d<0)</math> , तो उपर्युक्त दी गई अपरिमित समांतर श्रेढ़ी  का योग  <math>S_\infty = - \infty</math>  होगा ।
 
== संदर्भ ==

Latest revision as of 16:05, 10 October 2023

'अपरिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ', नाम से ही स्पष्ट होता है कि, ऐसी समांतर श्रेढ़ीयाँ जिसमे अपरिमित अर्थात सीमित पद नही होते हैं , उन्हें हम अपरिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ कहते हैं । एक अपरिमित समांतर श्रेढ़ी में अंतिम पद नही होता है । अपरिमित समांतर श्रेढ़ी को हम निम्न प्रकार से निरूपित कर सकते हैं ;

जहां ,

पहला पद

सार्व अंतर

प्राकृतिक संख्याओं का समुच्चय हैं ।

उदाहरण 1

उपर्युक्त उदाहरणो में समांतर श्रेढ़ीयों का प्रथम पद क्रमशः  तथा  एवं सार्व अंतर   तथा है , तथा इन श्रेढ़ीयों में असीमित अर्थात अपरिमित पद है, इसलिए इन श्रेढ़ीयों को हम अपरिमित समांतर श्रेढ़ीयाँ कहेंगे ।

उदाहरण 2

निम्नलिखित में से कौन अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का एक उदाहरण है ?[1]

  1. तक सम संख्याओं का समुच्चय
  2. सम संख्याओं का समुच्चय
  3. तक सम संख्याओं का समुच्चय
  4. तक सम संख्याओं का समुच्चय

हल

  1. तक सम संख्याओं का समुच्चय होगा अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में परिमित अर्थात सीमित पद है तो यह परिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।
  2. सम संख्याओं का समुच्चय होगा अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में अपरिमित अर्थात सीमित पद नही है , तो यह अपरिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।
  3. तक सम संख्याओं का समुच्चय होगा अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में परिमित अर्थात सीमित पद है , तो यह परिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।
  4. तक सम संख्याओं का समुच्चय होगा अतः , हमने देखा कि दी गई श्रेढ़ी में परिमित अर्थात सीमित पद है , तो यह परिमित समांतर श्रेढ़ी होगी ।

अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग

एक अपरिमित समांतर श्रेढ़ी में जहां पदों की संख्या है , तथा उसमें अपरिमित अर्थात सीमित पद नहीं है , और सार्व अंतर , से अधिक है अर्थात , तो ऐसी अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग[2] होगा ।

एक अपरिमित समांतर श्रेढ़ी में जहां पदों की संख्या है , तथा उसमें अपरिमित अर्थात सीमित पद नहीं है , और सार्व अंतर , से कम है अर्थात , तो ऐसी अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग होगा ।

उदाहरण 1

अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग ज्ञात करें ।

हल

पहला पद

सार्व अंतर

अतः , यह स्पष्ट है कि सार्व अंतर , से अधिक है अर्थात , तो उपर्युक्त दी गई अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग होगा ।

उदाहरण 2

अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग ज्ञात करें ।

हल

पहला पद

सार्व अंतर

अतः , यह स्पष्ट है कि सार्व अंतर , से कम है अर्थात , तो उपर्युक्त दी गई अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग होगा ।

संदर्भ

  1. "उदाहरण".
  2. "अपरिमित समांतर श्रेढ़ी का योग".