सोडियम क्लोराइड: Difference between revisions

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== क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण ==
== क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण ==
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह [[सोडियम क्लोराइड]] (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड ([[क्षार]]) होते हैं।
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह [[सोडियम क्लोराइड]] (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड ([[क्षार]]) होते हैं।
<chem>2NaCl + 2H2O -> 2NaOH (aq) + Cl2 (g) + H2 (g)</chem>


== सोडियम क्लोराइड का उपयोग ==
== सोडियम क्लोराइड का उपयोग ==

Revision as of 21:29, 25 October 2023

सोडियम क्लोराइड नमक के नाम से जाना जाता है। यह महासागरों और समुद्री जल से प्राप्त होता है। समुद्री जल का लगभग 1% से 5% भाग NaCl से बना होता है। यह एक क्रिस्टलीय, सफेद रंग का ठोस है। जलीय रूप में इसे खारा विलयन कहा जाता है। सोडियम क्लोराइड का रासायनिक सूत्र NaCl है यह एक आयनिक यौगिक है।

NaCl का आणविक भार 58.44g/mol होता है।

यह यौगिक जल में घुलनशील है और इसमें सोडियम धनायन और क्लोराइड ऋणायन आयन होते हैं। सोडियम और क्लोराइड आयन 1:1 के अनुपात में उपस्थित हैं। इसे व्यापक रूप से टेबल नमक के रूप में जाना जाता है और इसका उपयोग ज्यादातर खाद्य उद्योग में संरक्षण और स्वाद के लिए किया जाता है। सोडियम क्लोराइड का पीएच 7 है। यह एक क्रिस्टलीय ठोस है जिसकी FCC संरचना होती है।

NaCl का निर्माण HCl और NaOH की आपस में अभिक्रिया कराने से होता है। इस अभिक्रिया में अम्ल और क्षार दोनों प्रबल होते हैं । जब एक प्रबल अम्ल और एक प्रबल क्षार एक साथ अभिक्रिया करते हैं , तो परिणामस्वरूप लवण और जल बनता है । इस प्रकार, सोडियम क्लोराइड एक नमक है।

सोडियम क्लोराइड के भौतिक गुण

सोडियम क्लोराइड का रासायनिक सूत्र - NaCl

मोलर द्रव्यमान - 58.44 ग्राम/मोल

सोडियम क्लोराइड का घनत्व - 2.165 ग्राम/सेमी3

क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण

सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह सोडियम क्लोराइड (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (क्षार) होते हैं।

सोडियम क्लोराइड का उपयोग

  • इसका उपयोग अग्निशामक यंत्रों में किया जाता है
  • इसका उपयोग शैम्पू और टूथपेस्ट बनाने में किया जाता है
  • इसका उपयोग जल को मृदु करने में भी किया जाता है।
  • इसका उपयोग कागज उद्योग में भी किया जाता है।
  • सोडियम कार्बोनेट का उत्पादन करने के लिए किया जाता है