बर्फ की संरचना: Difference between revisions
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* x किरणों द्वारा परीक्षण से पता चला है कि बर्फ क्रिस्टल में ऑक्सीजन परमाणु चार अन्य हाइड्रोजन परमाणुओं से 276 pm दूरी पर चतुष्फलकीय रूप से घिरा होता है। | * x किरणों द्वारा परीक्षण से पता चला है कि बर्फ क्रिस्टल में ऑक्सीजन परमाणु चार अन्य हाइड्रोजन परमाणुओं से 276 pm दूरी पर चतुष्फलकीय रूप से घिरा होता है। | ||
* हाइड्रोजन आबंध बर्फ में बृहद क्षिद्रयुक्त एक प्रकार की खुली संरचना बनाते हैं। | * हाइड्रोजन आबंध बर्फ में बृहद क्षिद्रयुक्त एक प्रकार की खुली संरचना बनाते हैं। | ||
बर्फ जल का ठोस रूप है और इसकी संरचना एक क्रिस्टलीय जालक में व्यवस्थित होती है। बर्फ का सबसे सामान्य रूप, जिसे हेक्सागोनल बर्फ के रूप में जाना जाता है, की एक अच्छी तरह से परिभाषित संरचना होती है। इसके मूल में, बर्फ जल के अणुओं (H<sub>2</sub>O) से बनी होती है जो हाइड्रोजन बंध द्वारा एक साथ बंधे होते हैं। यहां बर्फ की संरचना का संक्षिप्त विवरण दिया गया है: | |||
=== हेक्सागोनल जालक === | |||
* बर्फ में, जल के अणु एक हेक्सागोनल या हेक्सागोनल क्लोज-पैक्ड (HCP) जालक में व्यवस्थित होते हैं। | |||
* प्रत्येक जल अणु त्रि-आयामी नेटवर्क में चार पड़ोसी जल अणुओं से जुड़ा होता है। | |||
* इस हेक्सागोनल व्यवस्था के परिणामस्वरूप जल के अणुओं के बीच खुले स्थानों के साथ एक नियमित, खुली संरचना का निर्माण होता है। | |||
=== हाइड्रोजन बंध === | |||
* बर्फ की संरचना जल के अणुओं के बीच हाइड्रोजन बंध द्वारा स्थिर होती है। | |||
* प्रत्येक जल अणु अपने पड़ोसियों के साथ हाइड्रोजन बंध बनाता है। बर्फ में, प्रत्येक जल का अणु चार अन्य जल के अणुओं से हाइड्रोजन-बंधित होता है। | |||
* ये हाइड्रोजन बंध बर्फ के अद्वितीय भौतिक गुणों के लिए जिम्मेदार हैं, जैसे कि तरल जल की तुलना में इसका कम घनत्व, यही कारण है कि बर्फ तैरती है। | |||
=== चतुष्फलकीय व्यवस्था === | |||
* बर्फ के जालक में प्रत्येक जल का अणु टेचतुष्फलक के केंद्र में होता है, जिसके केंद्र में ऑक्सीजन परमाणु (O) और कोनों पर दो हाइड्रोजन परमाणु (H) होते हैं। | |||
* हाइड्रोजन बंध जल के एक अणु के ऑक्सीजन परमाणु और पड़ोसी जल के अणुओं के हाइड्रोजन परमाणुओं के बीच बनते हैं। | |||
Revision as of 13:04, 26 October 2023
बर्फ जल का ठोस रूप होता है। अतः ठोस अवस्था में बर्फ की एक निश्चित क्रिस्टलीय संरचना होती है। साधारण वायुमंडलीय दाब पर बर्फ त्रिविम हाइ़ड्रोजन आबंधिक बंध बनाता है। बर्फ में ऑक्सीजन (O) के परमाणु हाइ़ड्रोजन (H) के चार हाइड्रोजन परमाणु के साथ चतुष्फलकीय ज्यामितीय बंध बनाते हैं, जिनमें से ऑक्सीजन परमाणु दो हाइड्रोजन परमाणु के साथ सह संयोजी बंध और दो हाइड्रोजन परमाणु के साथ हाइड्रोजन आबंधिक बंध बनाता है।
इस तरह बर्फ की संरचना खुले रंध्रमय यानि पिंजरे के जैसी संरचना होती है। बर्फ की इसी संरचना के कारण बर्फ का आयतन जल के आयतन से ज्यादा हो जाता है और बर्फ का घनत्व जल के घनत्व से कम हो जाता है। इस अवस्था में बर्फ जल पर तैर भी सकती है।
- बर्फ एक अव्यवस्थित त्रिविम हाइड्रोजन आबन्धित संरचना है।
- x किरणों द्वारा परीक्षण से पता चला है कि बर्फ क्रिस्टल में ऑक्सीजन परमाणु चार अन्य हाइड्रोजन परमाणुओं से 276 pm दूरी पर चतुष्फलकीय रूप से घिरा होता है।
- हाइड्रोजन आबंध बर्फ में बृहद क्षिद्रयुक्त एक प्रकार की खुली संरचना बनाते हैं।
बर्फ जल का ठोस रूप है और इसकी संरचना एक क्रिस्टलीय जालक में व्यवस्थित होती है। बर्फ का सबसे सामान्य रूप, जिसे हेक्सागोनल बर्फ के रूप में जाना जाता है, की एक अच्छी तरह से परिभाषित संरचना होती है। इसके मूल में, बर्फ जल के अणुओं (H2O) से बनी होती है जो हाइड्रोजन बंध द्वारा एक साथ बंधे होते हैं। यहां बर्फ की संरचना का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
हेक्सागोनल जालक
- बर्फ में, जल के अणु एक हेक्सागोनल या हेक्सागोनल क्लोज-पैक्ड (HCP) जालक में व्यवस्थित होते हैं।
- प्रत्येक जल अणु त्रि-आयामी नेटवर्क में चार पड़ोसी जल अणुओं से जुड़ा होता है।
- इस हेक्सागोनल व्यवस्था के परिणामस्वरूप जल के अणुओं के बीच खुले स्थानों के साथ एक नियमित, खुली संरचना का निर्माण होता है।
हाइड्रोजन बंध
- बर्फ की संरचना जल के अणुओं के बीच हाइड्रोजन बंध द्वारा स्थिर होती है।
- प्रत्येक जल अणु अपने पड़ोसियों के साथ हाइड्रोजन बंध बनाता है। बर्फ में, प्रत्येक जल का अणु चार अन्य जल के अणुओं से हाइड्रोजन-बंधित होता है।
- ये हाइड्रोजन बंध बर्फ के अद्वितीय भौतिक गुणों के लिए जिम्मेदार हैं, जैसे कि तरल जल की तुलना में इसका कम घनत्व, यही कारण है कि बर्फ तैरती है।
चतुष्फलकीय व्यवस्था
- बर्फ के जालक में प्रत्येक जल का अणु टेचतुष्फलक के केंद्र में होता है, जिसके केंद्र में ऑक्सीजन परमाणु (O) और कोनों पर दो हाइड्रोजन परमाणु (H) होते हैं।
- हाइड्रोजन बंध जल के एक अणु के ऑक्सीजन परमाणु और पड़ोसी जल के अणुओं के हाइड्रोजन परमाणुओं के बीच बनते हैं।