ताला कुंजी परिकल्पना: Difference between revisions

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यह सिद्धांत 1898 में एमिल फिशर द्वारा प्रतिपादित किया गया था। इस परिकल्पना के अनुसार, जैसे किसी ताले की कोई एक विशिष्ट चाबी होती है, वैसे ही विशिष्ट संरचना वाला कोई पदार्थ विशिष्ट एंजाइम की सतह में पाए जाने वाले विशिष्ट सक्रिय स्थल के साथ मिल सकता है।

Revision as of 16:34, 29 November 2023

यह सिद्धांत 1898 में एमिल फिशर द्वारा प्रतिपादित किया गया था। इस परिकल्पना के अनुसार, जैसे किसी ताले की कोई एक विशिष्ट चाबी होती है, वैसे ही विशिष्ट संरचना वाला कोई पदार्थ विशिष्ट एंजाइम की सतह में पाए जाने वाले विशिष्ट सक्रिय स्थल के साथ मिल सकता है।