संवेग: Difference between revisions
Listen
| Line 17: | Line 17: | ||
* '''संवेग का संरक्षण:''' संवेग के संरक्षण के नियम के अनुसार, एक बंद प्रणाली का कुल संवेग स्थिर रहता है यदि कोई बाहरी बल उस पर कार्य नहीं करता है। इसका तात्पर्य यह है कि बाहरी बलों की अनुपस्थिति में, किसी घटना (जैसे टक्कर या विस्फोट) से पहले कुल संवेग, घटना के बाद के कुल संवेग के बराबर होता है। यह नियम वस्तुओं के बीच विभिन्न अंतःक्रियाओं के परिणामों का विश्लेषण और भविष्यवाणी करने में सुविधा करता है। | * '''संवेग का संरक्षण:''' संवेग के संरक्षण के नियम के अनुसार, एक बंद प्रणाली का कुल संवेग स्थिर रहता है यदि कोई बाहरी बल उस पर कार्य नहीं करता है। इसका तात्पर्य यह है कि बाहरी बलों की अनुपस्थिति में, किसी घटना (जैसे टक्कर या विस्फोट) से पहले कुल संवेग, घटना के बाद के कुल संवेग के बराबर होता है। यह नियम वस्तुओं के बीच विभिन्न अंतःक्रियाओं के परिणामों का विश्लेषण और भविष्यवाणी करने में सुविधा करता है। | ||
* '''आवेग:''' आवेग गति से संबंधित अवधारणा है। यह किसी वस्तु द्वारा अनुभव किए गए संवेग में, परिवर्तन है जब एक निश्चित अवधि के लिए उस पर बल कार्य करता है। आवेग उस समय अंतराल से गुणा किए गए बल के बराबर होता है जिस पर बल कार्य करता है। | * '''आवेग:''' आवेग गति से संबंधित अवधारणा है। यह किसी वस्तु द्वारा अनुभव किए गए संवेग में, परिवर्तन है जब एक निश्चित अवधि के लिए उस पर बल कार्य करता है। आवेग उस समय अंतराल से गुणा किए गए बल के बराबर होता है जिस पर बल कार्य करता है। | ||
== महत्वपूर्ण भेद == | |||
भौतिकी में ,यह समझ लेना की आवेग ही वह गुण है जो टकराव के उपरांत ऊर्जा स्थानातरण में महत्व पूर्ण भूमिका निभाता है ,आवयशक है। इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है की क्रिकेट की चलायमान गेंद का वेग ,चलित स्थिती में यदि रबर के गेंद के बराबर है,तब भी क्रिकेट की वह चलायमान गेंद, रबर के गेंद से अधिक आवेग में होगी व उससे अधिक ऊर्जा स्थानांतरण करने में सक्षम होगी । ऐसा इस लीये होता है क्योंकि एक समान गति होने पर भी क्रिकेट गेंद का द्रव्यमान ,रबर की गेंद से अधिक होता है, और कुल जमा क्रिकेट की वह गेंद उस चलायमान स्थिती में,अधिक आवेग धारण करी हुई है। | |||
== गणितीय रूप से == | == गणितीय रूप से == | ||
Revision as of 13:06, 11 February 2024
Momentum
भौतिकी में,संवेग,एक मौलिक अवधारणा है, जो किसी वस्तु द्वारा धारण की गई गति की मात्रा का वर्णन करता है। यह गतिमान वस्तुओं का गुण है और उनके द्रव्यमान और वेग दोनों से संबंधित है
गणितीय रूप से
संवेग () को किसी वस्तु के द्रव्यमान () और उसके वेग () के गुणनफल के रूप में परिभाषित किया जाता है:
इस समीकरण में, संवेग की इकाई द्रव्यमान के लिए प्रयुक्त इकाई (प्रायः किलोग्राम) और वेग के लिए प्रयुक्त इकाई (प्रायः मीटर प्रति सेकंड) पर निर्भर करती है। इसलिए, संवेग की इकाई किलोग्राम-मीटर प्रति सेकंड () है।
संवेग की समझ : प्रमुख बिंदु
संवेग के बारे में समझने के लिए यहां कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
- संवेग और द्रव्यमान: संवेग किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग दोनों पर निर्भर करता है। बड़े द्रव्यमान वाली वस्तुओं में आमतौर पर छोटे द्रव्यमान वाली वस्तुओं की तुलना में अधिक गति होती है, परंतु उनका वेग समान हो।
- संवेग और वेग: किसी वस्तु का संवेग उसके वेग के सीधे आनुपातिक होता है। यदि दो वस्तुओं का द्रव्यमान समान है, तो उच्च वेग वाली वस्तु का संवेग अधिक होग।
- संवेग का संरक्षण: संवेग के संरक्षण के नियम के अनुसार, एक बंद प्रणाली का कुल संवेग स्थिर रहता है यदि कोई बाहरी बल उस पर कार्य नहीं करता है। इसका तात्पर्य यह है कि बाहरी बलों की अनुपस्थिति में, किसी घटना (जैसे टक्कर या विस्फोट) से पहले कुल संवेग, घटना के बाद के कुल संवेग के बराबर होता है। यह नियम वस्तुओं के बीच विभिन्न अंतःक्रियाओं के परिणामों का विश्लेषण और भविष्यवाणी करने में सुविधा करता है।
- आवेग: आवेग गति से संबंधित अवधारणा है। यह किसी वस्तु द्वारा अनुभव किए गए संवेग में, परिवर्तन है जब एक निश्चित अवधि के लिए उस पर बल कार्य करता है। आवेग उस समय अंतराल से गुणा किए गए बल के बराबर होता है जिस पर बल कार्य करता है।
महत्वपूर्ण भेद
भौतिकी में ,यह समझ लेना की आवेग ही वह गुण है जो टकराव के उपरांत ऊर्जा स्थानातरण में महत्व पूर्ण भूमिका निभाता है ,आवयशक है। इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है की क्रिकेट की चलायमान गेंद का वेग ,चलित स्थिती में यदि रबर के गेंद के बराबर है,तब भी क्रिकेट की वह चलायमान गेंद, रबर के गेंद से अधिक आवेग में होगी व उससे अधिक ऊर्जा स्थानांतरण करने में सक्षम होगी । ऐसा इस लीये होता है क्योंकि एक समान गति होने पर भी क्रिकेट गेंद का द्रव्यमान ,रबर की गेंद से अधिक होता है, और कुल जमा क्रिकेट की वह गेंद उस चलायमान स्थिती में,अधिक आवेग धारण करी हुई है।
गणितीय रूप से
इसे इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:
()
आवेग वस्तुओं पर बलों के प्रभाव को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और संवेग में परिवर्तन से निकटता से जुड़ा हुआ है।
संक्षेप में
भौतिकी में,संवेग, एक महत्वपूर्ण अवधारणा है क्योंकि यह वस्तुओं की गति को समझने और उसका विश्लेषण करने में मदद करती है। इसका उपयोग विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे वस्तुओं के बीच टकराव का अध्ययन करना, गतिमान वस्तुओं के व्यवहार का विश्लेषण करना, वाहनों में सुरक्षा सुविधाओं को डिजाइन करना इत्यादि ।