द्रव्यमान संख्या: Difference between revisions

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  '''परमाणु संख्या <big>(Z)</big> = परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या  = उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रोनो के संख्या'''  
  '''परमाणु संख्या <big>(Z)</big> = परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या  = उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रोनो के संख्या'''  


  '''द्रव्यमान संख्या <big>(A)</big> = प्रोटॉनों की संख्या <big>(Z)</big> + न्यूट्रॉन की  संख्या <big>(n)</big>'''  
  '''द्रव्यमान संख्या <big>(A)</big> = प्रोटॉनों की संख्या <big>(Z)</big> + न्यूट्रॉनों की संख्या <big>(n)</big>'''  
'''उदाहरण'''  
'''उदाहरण'''  



Revision as of 11:42, 4 May 2024

परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की कुल संख्या का योग द्रव्यमान संख्या कहलाता है। इसे A से प्रदर्शित करते हैं, परमाणु का द्रव्यमान प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों के संख्या के योग के बराबर होता है ये परमाणु के नाभिक में उपस्थित होते हैं इसलिए इन्हे नूक्लिऑन भी कहते हैं।

द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या

द्रव्यमान संख्या को परमाणु भार भी कहा जाता है। परमाणु का द्रव्यमान उसमें विधमान प्रोटॉन और न्यूट्रॉनों के द्रव्यमान के कारण होता है ये परमाणु के नाभिक में उपस्थित होते हैं इसलिए इन्हे   

न्यूक्लियॉन भी कहते हैं।

द्रव्यमान संख्या = परमाणु भार 
परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या

उदाहरण - 17 Cl 35.5

जहाँ -

द्रव्यमान संख्या = 35.5

परमाणु क्रमांक = 17

परमाणु संख्या (Z) = परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या  = उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रोनो के संख्या 
द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉनों की संख्या (Z) + न्यूट्रॉनों की संख्या (n) 

उदाहरण

11 Na23 में प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।

हल

यहाँ , Z=11, A=23, स्पीशीज उदासीन है।

प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = Z = 11

न्यूट्रॉनों की संख्या = 23 - 11 = 12