सोडियम हाइड्रॉक्साइड: Difference between revisions
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सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को [[क्लोर-क्षार प्रक्रिया]] कहते हैं। सोडियम | सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को [[क्लोर-क्षार प्रक्रिया]] कहते हैं। सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) एक प्रबल [[क्षार]] होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह सोडियम क्लोराइड (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) होते हैं। | ||
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Latest revision as of 14:12, 4 May 2024
सोडियम हाइड्रॉक्साइड एक प्रबल क्षार है।
रासायनिक सूत्र
जिसका रासायनिक सूत्र NaOH है।
रसायनिक नाम
इसे दाहक सोडा (कॉस्टिक सोडा / caustic soda) भी कहते हैं।
रंग
यह श्वेत रंग का ठोस चूर्ण, होता है।
अपने शुद्ध रूप में, यह क्रिस्टलीय ठोस होता है। इसका वैद्युत अपघटन करने पर सोडियम आयन और हाइड्रॉक्साइड आयन प्राप्त होता है।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड द्रव रंगहीन और गंधहीन होता है। यह प्रबल अम्ल है, और जल के लिए बेहद अभिक्रियाशील है।
क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह सोडियम क्लोराइड (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) होते हैं।
एनोड पर
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है और एनोड पर क्लोरीन गैस प्राप्त होती है।
कैथोड पर
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उतपन्न करता है और कैथोड पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन का निर्माण भी होता है।
क्लोर-क्षार प्रक्रिया के उत्पाद
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड
- क्लोरीन गैस
- हाइड्रोजन गैस
सोडियम हाइड्रॉक्साइड के उपयोग
- इसका उपयोग डिटर्जेंट और साबुन के निर्माण में किया जाता है।
- इसका उपयोग ड्रेन क्लीनर में किया जाता है।
- इसका उपयोग नगरपालिका जल उपचार सुविधा द्वारा जल से भारी धातुओं को हटाने में किया जाता है।
- इसका उपयोग ब्लीचिंग एजेंट जैसी क्लोरीन के उत्पादन में किया जाता है।
अभ्यास प्रश्न
- क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण किस प्रकार करेंगे?
- क्लोर-क्षार प्रक्रिया में एनोड और कैथोड पर क्या प्राप्त होगा?
- क्लोर-क्षार प्रक्रिया के मुख्य उत्पाद क्या क्या हैं?
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड का रासायनिक सूत्र लिखिए।