सहसंयोजक यौगिक: Difference between revisions

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वे योगिक जो इलेक्ट्रान की साझेदारी द्वारा बनते हैं सहसंयोजक योगिक कहलाते हैं। और उनमे बनने वाले बंध [[सहसंयोजक बंध]] कहलाते हैं। एक सहसंयोजक बंध दो परमाणुओं द्वारा इलेक्ट्रॉनों की एक जोड़ी साझा करने से बनता है जिन यौगिकों में केवल सह-संयोजक बन्ध होते हैं, उन्हें सह-संयोजक यौगिक कहते हैं। उदाहरणार्थ- [[मेथेनोजेन|मेथेन]] (CH<sub>4</sub>) एक सह-संयोजक यौगिक है। किसी [[तत्व]] के एक परमाणु द्वारा साझे में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या उस तत्व की सह-संयोजकता कहलाती है। ये अध्रुवीय यौगिक है क्योंकि इन पर कोई [[आवेश]] नहीं होता। ये विधुत के कुचालक होते हैं।  
वे योगिक जो इलेक्ट्रान की साझेदारी द्वारा बनते हैं सहसंयोजक योगिक कहलाते हैं। और उनमे बनने वाले बंध [[सहसंयोजक बंध]] कहलाते हैं। एक सहसंयोजक बंध दो परमाणुओं द्वारा इलेक्ट्रॉनों की एक जोड़ी साझा करने से बनता है जिन यौगिकों में केवल सह-संयोजक बन्ध होते हैं, उन्हें सह-संयोजक यौगिक कहते हैं। उदाहरणार्थ- [[मेथेनोजेन|मेथेन]] (CH<sub>4</sub>) एक सह-संयोजक यौगिक है। किसी [[तत्व]] के एक परमाणु द्वारा साझे में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या उस तत्व की सह-संयोजकता कहलाती है। ये अध्रुवीय यौगिक है क्योंकि इन पर कोई [[आवेश]] नहीं होता। ये विधुत के कुचालक होते हैं।  


सहसंयोजक बंधन तब बनते हैं जब परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रोनगेटिविटी का अंतर बहुत कम होता है और इलेक्ट्रॉनों का पूर्ण स्थानांतरण नहीं हो पाता है। तब सहसंयोजी आबंधन में भाग लेने वाले इलेक्ट्रॉनों के युग्म को सहसंयोजी युग्म या आबंध युग्म कहते हैं।  
सहसंयोजक बंध तब बनते हैं जब परमाणुओं के बीच वैद्युतीयऋणात्मकता का अंतर बहुत कम होता है और इलेक्ट्रॉनों का पूर्ण स्थानांतरण नहीं हो पाता है। तब सहसंयोजी आबंधन में भाग लेने वाले इलेक्ट्रॉनों के युग्म को सहसंयोजी युग्म या आबंध युग्म कहते हैं।  


=== उदाहरण ===
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  <sub>1</sub>H = 1s<sup>1</sup>
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कार्बन की वाह्यतम कक्षा में 4 इलेक्ट्रान उपस्थित हैं अगर इसे 4 इलेक्ट्रान और मिल जाते हैं तो यह [[अष्टक नियम]] पूर्ण कर लेगा और स्थाई हो जायेगा इसके लिए वह हाइड्रोजन परमाणु से एक इलेक्ट्रान का साझा करेगा इस प्रकार कार्बन चार हाइड्रोजन से 4 इलेक्ट्रान का साझा करेगा और उत्कृष्ट गैस का [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार|इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]] प्राप्त करलेगा और हाइड्रोजन भी एक एक इलेक्ट्रान की साझेदारी करने के कारण हीलियम की तरह का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेगा और स्थाई हो जायेगा इस प्रकार कार्बन और हाइड्रोजन के मध्य एक सहसंयोजक बंध प्राप्त हो जायेगा।  
कार्बन की वाह्यतम कक्षा में 4 इलेक्ट्रान उपस्थित हैं अगर इसे 4 इलेक्ट्रान और मिल जाते हैं तो यह [[अष्टक नियम]] पूर्ण कर लेगा और स्थाई हो जायेगा इसके लिए वह हाइड्रोजन परमाणु से एक इलेक्ट्रान का साझा करेगा इस प्रकार कार्बन चार हाइड्रोजन से 4 इलेक्ट्रान का साझा करेगा और उत्कृष्ट गैस का [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार|इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]] प्राप्त कर लेगा और हाइड्रोजन भी एक एक इलेक्ट्रान की साझेदारी करने के कारण हीलियम की तरह का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेगा और स्थाई हो जायेगा इस प्रकार कार्बन और हाइड्रोजन के मध्य एक सहसंयोजक बंध प्राप्त हो जायेगा।  


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Latest revision as of 07:45, 5 May 2024

वे योगिक जो इलेक्ट्रान की साझेदारी द्वारा बनते हैं सहसंयोजक योगिक कहलाते हैं। और उनमे बनने वाले बंध सहसंयोजक बंध कहलाते हैं। एक सहसंयोजक बंध दो परमाणुओं द्वारा इलेक्ट्रॉनों की एक जोड़ी साझा करने से बनता है जिन यौगिकों में केवल सह-संयोजक बन्ध होते हैं, उन्हें सह-संयोजक यौगिक कहते हैं। उदाहरणार्थ- मेथेन (CH4) एक सह-संयोजक यौगिक है। किसी तत्व के एक परमाणु द्वारा साझे में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या उस तत्व की सह-संयोजकता कहलाती है। ये अध्रुवीय यौगिक है क्योंकि इन पर कोई आवेश नहीं होता। ये विधुत के कुचालक होते हैं।

सहसंयोजक बंध तब बनते हैं जब परमाणुओं के बीच वैद्युतीयऋणात्मकता का अंतर बहुत कम होता है और इलेक्ट्रॉनों का पूर्ण स्थानांतरण नहीं हो पाता है। तब सहसंयोजी आबंधन में भाग लेने वाले इलेक्ट्रॉनों के युग्म को सहसंयोजी युग्म या आबंध युग्म कहते हैं।

उदाहरण

6C = 1s2 2s2 2p2
1H = 1s1

कार्बन की वाह्यतम कक्षा में 4 इलेक्ट्रान उपस्थित हैं अगर इसे 4 इलेक्ट्रान और मिल जाते हैं तो यह अष्टक नियम पूर्ण कर लेगा और स्थाई हो जायेगा इसके लिए वह हाइड्रोजन परमाणु से एक इलेक्ट्रान का साझा करेगा इस प्रकार कार्बन चार हाइड्रोजन से 4 इलेक्ट्रान का साझा करेगा और उत्कृष्ट गैस का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेगा और हाइड्रोजन भी एक एक इलेक्ट्रान की साझेदारी करने के कारण हीलियम की तरह का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेगा और स्थाई हो जायेगा इस प्रकार कार्बन और हाइड्रोजन के मध्य एक सहसंयोजक बंध प्राप्त हो जायेगा।

उदाहरण

मेथेन (CH4)

सहसंयोजक यौगिक के गुण

  • सहसंयोजक यौगिक उदासीन अणु द्वारा बने होते है। क्योंकि इन पर कोई आवेश नहीं होता।
  • सहसंयोजक यौगिकों के गलनांकक्वथनांक सामान्यत: कम होते है।
  • सहसंयोजक यौगिकों के अणुओं के मध्य आकर्षण बल बहुत दुर्बल होता है।
  • ये अध्रुवीय यौगिक है।
  • ये विधुत के कुचालक होते हैं।
  • सहसंयोजक यौगिक ठोस, द्रव तथा गैसीय अवस्था में पाए जाते है।

सहसंयोजक यौगिकों के लक्षण

  • सहसंयोजक यौगिक उदासीन अणु द्वारा बने होते है। सहसंयोजक यौगिकों के अणुओं के मध्य आकर्षण बल बहुत दुर्बल होता है।
  • सहसंयोजक यौगिकों के गलनांक व क्वथनांक सामान्यत: कम होते है।
  • सहसंयोजक यौगिक जल में अविलेय है परन्तु कार्बनिक विलायकों में विलेय है।
  • सहसंयोजक यौगिक अध्रुवीय यौगिक है।
  • सहसंयोजक यौगिक विधुत के कुचालक होते हैं।

अभ्यास प्रश्न

  • सहसंयोजक विद्युत के कुचालक होते हैं। इस कथन की पुष्टि कीजिये।
  • सहसंयोजक यौगिकों के गलनांक और क्वथनांक निम्न क्यों होते हैं?
  • सहसंयोजक एक आयनिक यौगिक नहीं है क्यों ?
  • मीथेन एक सहसंयोजक यौगिक है इस कथन की पुष्टि कीजिये।