औद्योगिक अपशिष्ट: Difference between revisions

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'''औद्योगिक अपशिष्ट'''
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21वीं सदी में, बड़ी संख्या में औद्योगिक स्थापना ने कम लागत वाले उत्पाद बनाने के लिए एक क्रांति शुरू की। वे औद्योगिक अपशिष्ट कुप्रबंधन से होने वाले अपने आर्थिक नुकसान को पूरा करते हैं। औद्योगिक इकाइयों से बिना उपचारित किए वायुमंडल में छोड़े गए अपशिष्ट उत्पाद या उपोत्पाद को '''औद्योगिक अपशिष्ट''' के रूप में जाना जाता है।


21वीं सदी में, बड़ी संख्या में औद्योगिक स्थापना ने कम लागत वाले उत्पाद बनाने के लिए एक क्रांति शुरू की। वे औद्योगिक अपशिष्ट कुप्रबंधन से होने वाले अपने आर्थिक नुकसान को पूरा करते हैं।
इसका हमारे [[पर्यावरण के मुद्दें|पर्यावरण]] पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यह आज के युग में प्रदूषण का प्रमुख कारण है। औद्योगिक प्रदूषण किसी भी अन्य प्रदूषण की तुलना में प्राकृतिक संसाधनों को अधिक प्रदूषित करता है। यह हमारे बुनियादी आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित करता है। हमारे [[सजीव]] वातावरण में, यह वायु गुणवत्ता सूचकांक को कम करता है। इसने जल संसाधन नदी, नहर और भूजल को भी प्रदूषित कर दिया। औद्योगिक उत्पाद [[कीटनाशक]], उर्वरक मिट्टी की गुणवत्ता खराब करते हैं। साथ ही फसल में खतरनाक रसायनों के अवांछित प्रयोग के कारण फसल की वनस्पति गुणवत्ता भी नष्ट हो जाती है।


औद्योगिक इकाइयों से बिना उपचारित किए वायुमंडल में छोड़े गए अपशिष्ट उत्पाद या उपोत्पाद को '''औद्योगिक अपशिष्ट''' के रूप में जाना जाता है।
== '''औद्योगिक प्रदूषण के स्रोत''' ==
औद्योगिक प्रदूषण के बहुत सारे स्रोत हैं, उनमें से कुछ का वर्णन नीचे दिया गया है, यह बताता है कि किस प्रकार के उद्योग द्वारा कौन से प्रदूषक जारी किए जाते हैं।


इसका हमारे पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यह आज के युग में प्रदूषण का प्रमुख कारण है।औद्योगिक प्रदूषण किसी भी अन्य प्रदूषण की तुलना में प्राकृतिक संसाधनों को अधिक प्रदूषित करता है।  यह हमारे बुनियादी आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित करता है।  हमारे सजीव वातावरण में, यह वायु गुणवत्ता सूचकांक को कम करता है।  इसने जल संसाधन नदी, नहर और भूजल को भी प्रदूषित कर दिया।  औद्योगिक उत्पाद कीटनाशक, उर्वरक मिट्टी की गुणवत्ता खराब करते हैं।  साथ ही फसल में खतरनाक रसायनों के अवांछित प्रयोग के कारण फसल की वनस्पति गुणवत्ता भी नष्ट हो जाती है।
'''लौह और इस्पात संयंत्र''' जो ब्लास्ट फर्नेस स्लैग अपशिष्ट का उत्पादन करते हैं। एल्यूमीनियम, जस्ता और तांबे की विनिर्माण इकाइयों से निकलने वाले औद्योगिक अपशिष्ट मिट्टी और टेलिंग तालाब हैं, जिनमें 7-8% [[धातु]] होती भी है। उनके अन्य अपशिष्टों में विघटित धातुएँ होती हैं।


== औद्योगिक प्रदूषण के स्रोत ==
'''उर्वरक उद्योग''' [[जिप्सम]] और [[अमोनिया उत्सर्जी|अमोनिया]] जैसे अन्य नाइट्रोजन युक्त अपशिष्ट का उत्पादन करते हैं। इसके परिणामस्वरूप [[ग्रीनहाउस प्रभाव|ग्रीनहाउस]] गैस में वृद्धि और नदियों का सुपोषण होता है। उर्वरक उद्योगों के अन्य उपोत्पाद नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड हैं। इससे अम्लीय वर्षा होती है, ये गैसें संक्षारक प्रकृति की होती हैं।
औद्योगिक प्रदूषण के बहुत सारे स्रोत हैं, उनमें से कुछ का वर्णन नीचे दिया गया है, यह बताता है कि किस प्रकार के उद्योग द्वारा कौन से प्रदूषक जारी किए जाते हैं।


'''लौह और इस्पात संयंत्र''' जो ब्लास्ट फर्नेस स्लैग अपशिष्ट का उत्पादन करते हैं। एल्यूमीनियम, जस्ता और तांबे की विनिर्माण इकाइयों से निकलने वाले औद्योगिक अपशिष्ट मिट्टी और टेलिंग तालाब हैं, जिनमें 7-8% धातु होती भी है। उनके अन्य अपशिष्टों में विघटित धातुएँ होती हैं।
'''कीटनाशक उद्योग''' प्रदूषकों में आर्सेनिक (As), सीसा (Pb) और पारा (Hg) जैसी भारी धातुओं के [[यौगिक]] होते हैं। वे पर्यावरण में जहरीले रसायनों का रिसाव उत्पन्न करते हैं और पानी और मिट्टी को प्रदूषित करते हैं।


'''उर्वरक उद्योग''' जिप्सम और अमोनिया जैसे अन्य नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट का उत्पादन करते हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि और नदियों का सुपोषण होता है। उर्वरक उद्योगों के अन्य उपोत्पाद नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड हैं। इससे अम्लीय वर्षा होती है, ये गैसें संक्षारक प्रकृति की होती हैं।
'''दवाओं, फार्मास्युटिकल''' के औद्योगिक कचरे में विभिन्न खतरनाक रसायन होते हैं जैसे  ज़ाइलीन, टॉलूईन, मेथनॉल,  एन-ब्यूटाइल अल्कोहल, साइक्लोहेक्सानोन आदि। ये औद्योगिक उपोत्पाद सामान्यतः सीधे हवा और जल निकायों में मुक्त होते हैं। और यह जल निकायों में उनके ऑक्सीकरण और जलयोजन द्वारा कई जहरीले यौगिकों का निर्माण करता है।


'''कीटनाशक उद्योग''' प्रदूषकों में आर्सेनिक (As), सीसा (Pb) और पारा (Hg) जैसी भारी धातुओं के यौगिक होते हैं। वे पर्यावरण में जहरीले रसायनों का रिसाव उत्पन्न करते हैं और पानी और मिट्टी को प्रदूषित करते हैं।
'''पेंट, रबर के उद्योग''' खतरनाक अपशिष्ट पैदा करते हैं, जो ज्वलनशील, मिश्रित विस्फोटक या अत्यधिक अभिक्रियाशील [[पदार्थ]] होते हैं। पेंट उद्योग द्वारा वाष्पशील कार्बनिक यौगिक और Cd, Pb, Hg जैसे भारी धातुओं के अवशेष उत्सर्जित होते हैं। जो कि खतरनाक वायु प्रदूषक होते हैं। रबर उद्योग द्वारा उत्सर्जित सल्फर प्रदूषक मानव के लिए सबसे अधिक विषैला होता है।


'''दवाओं, फार्मास्युटिकल''' के औद्योगिक कचरे में विभिन्न खतरनाक रसायन होते हैं जैसे ज़ाइलीन, टोल्यूइन, मेथनॉल,  एन-ब्यूटाइल अल्कोहल,   साइक्लोहेक्सानोन आदि। ये औद्योगिक उपोत्पाद आमतौर पर सीधे हवा और जल निकायों में मुक्त होते हैं। और यह जल निकायों में उनके अगले ऑक्सीकरण और जलयोजन द्वारा कई जहरीले यौगिकों का निर्माण करता है।
'''थर्मल पावर प्लांट'''  गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट, सूखी फ्लाई ऐश उत्पन्न करते हैं जो हवा को प्रदूषित करते हैं। बिजली संयंत्रों द्वारा बहुत सारी प्रदूषक गैसें उत्पन्न होती हैं, विशेष रूप से कार्बन के ऑक्साइड। ये गैसें [[जीवाश्म]] ईंधन के जलने से निकलती हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं।


'''पेंट, रबर के उद्योग''' खतरनाक अपशिष्ट पैदा करते हैं, जो ज्वलनशील, मिश्रित विस्फोटक या अत्यधिक प्रतिक्रियाशील पदार्थ होते हैं। पेंट उद्योग द्वारा वाष्पशील कार्बनिक यौगिक और Cd, Pb, Hg  जैसे भारी धातुओं के अवशेष उत्सर्जित होते हैं।  जो कि खतरनाक वायु प्रदूषक होते हैं। रबर उद्योग द्वारा उत्सर्जित सल्फर प्रदूषक मानव के लिए सबसे अधिक विषैला होता है।
== '''औद्योगिक प्रदूषण के दुष्परिणाम''' ==
औद्योगिक प्रदूषण की समस्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों का चक्र गड़बड़ा जाता है, जिसका मौसम पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। अब हर मौसम कैलेंडर का पालन नहीं करता है, वे अनिश्चित और असामयिक हो गए हैं। ग्लोबल वार्मिंग में औद्योगिक प्रदूषण का प्रमुख योगदान है। ग्लोबल वार्मिंग के विनाशकारी प्रभाव पिघलते ग्लेशियरों, प्राकृतिक आपदाओं सुनामी और तूफान के रूप में देखे जाते हैं। रासायनिक अपशिष्टों, कीटनाशकों, प्रदूषक गैसों, भारी धातु यौगिकों, रेडियोधर्मी पदार्थों आदि के कारण औद्योगिक प्रदूषण पृथ्वी और उसके निवासियों की जीवन प्रणाली को नुकसान पहुंचा रहा है। यह वन्यजीवों और पारिस्थितिक तंत्रों को बुरी तरह प्रभावित करता है और उनके प्राकृतिक संसाधनों को बाधित करता है। इन प्रतिकूल वातावरण के कारण जानवर विलुप्त हो रहे हैं, और उनके आवास नष्ट हो रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन स्वस्थ जीवन हमारे ग्रह पर बहुत कीमती हो जाएगा।


'''थर्मल पावर प्लांट''' गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट, सूखी फ्लाई ऐश उत्पन्न करते हैं जो हवा को प्रदूषित करते हैं।  बिजली संयंत्रों द्वारा बहुत सारी प्रदूषक गैसें उत्पन्न होती हैं, विशेष रूप से कार्बन के ऑक्साइड। ये गैसें जीवाश्म ईंधन के जलने से निकलती हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं।
== '''औद्योगिक प्रदूषण कम करने के उपाय''' ==


== औद्योगिक प्रदूषण के दुष्परिणाम ==
* औद्योगिक क्षेत्र शहरी क्षेत्र के बाहर स्थापित होना चाहिए, ताकि प्रदूषित गैस पर्यावरण को प्रभावित न करे, औद्योगिक अपशिष्ट का उचित उपचार होना चाहिए। ताकि यह प्रकृति में सीधे या विषैले रूप से जारी न हो।
औद्योगिक प्रदूषण की समस्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों का चक्र गड़बड़ा जाता है, जिसका मौसम पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।  अब हर मौसम कैलेंडर का पालन नहीं करता है, वे अनिश्चित और असामयिक हो गए हैं।  ग्लोबल वार्मिंग में औद्योगिक प्रदूषण का प्रमुख योगदान है।  ग्लोबल वार्मिंग के विनाशकारी प्रभाव पिघलते ग्लेशियरों, प्राकृतिक आपदाओं सुनामी और तूफान के रूप में देखे जाते हैं।  रासायनिक अपशिष्टों, कीटनाशकों, प्रदूषक गैसों, भारी धातु यौगिकों, रेडियोधर्मी पदार्थों आदि के कारण औद्योगिक प्रदूषण पृथ्वी और उसके निवासियों की जीवन प्रणाली को नुकसान पहुंचा रहा है। यह वन्यजीवों और पारिस्थितिक तंत्रों को बुरी तरह प्रभावित करता है और उनके प्राकृतिक संसाधनों को बाधित करता है।  इन प्रतिकूल वातावरण के कारण जानवर विलुप्त हो रहे हैं, और उनके आवास नष्ट हो रहे हैं।  अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन स्वस्थ जीवन हमारे ग्रह पर बहुत कीमती हो जाएगा।


== औद्योगिक प्रदूषण कम करने के उपाय ==
* हमें पर्यावासों का पुनर्निर्माण और वनरोपण करना चाहिए। इसके द्वारा प्रदूषकों को पौधों और वनस्पतियों द्वारा अवशोषित या उपभोग किया जाएगा।


* औद्योगिक क्षेत्र शहरी क्षेत्र के बाहर स्थित होना चाहिए, ताकि प्रदूषित गैस पर्यावरण को प्रभावित न करे,  औद्योगिक अपशिष्ट का उचित उपचार होना चाहिए।  ताकि यह प्रकृति में सीधे या विषैले रूप से जारी न हो।
* सरकार को उन लोगों पर सख्त कानून और प्रवर्तन लागू करना चाहिए, जो प्राकृतिक निकायों के खिलाफ नियम तोड़ते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं।


* हमें पर्यावासों का पुनर्निर्माण और वनरोपण करना चाहिए।  इसके द्वारा प्रदूषकों को पौधों और वनस्पतियों द्वारा अवशोषित या उपभोग किया जाएगा।
* जितना हम कर सकते हैं, हमें औद्योगिक कचरे या उपोत्पाद का पुनर्चक्रण करना चाहिए, ताकि वातावरण में खराब होने के लिए बड़े पैमाने पर कचरा न फेंका जाए, इससे आर्थिक लागत भी कम होगी।


* सरकार को उन लोगों पर सख्त कानून और प्रवर्तन लागू करना चाहिए जो प्राकृतिक निकायों के खिलाफ नियम तोड़ते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं।
* सरकार को समय-समय पर आवश्यक संसाधनों की सफाई भी करनी चाहिए, उन्हें अपनी आवश्यकताओं के आधार पर एयर फिल्टर, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र स्थापित करने चाहिए।


* जितना हम कर सकते हैं, हमें औद्योगिक कचरे या उपोत्पाद का पुनर्चक्रण करना चाहिए ताकि वातावरण में खराब होने के लिए बड़े पैमाने पर कचरा न फेंका जाए।  इससे आर्थिक लागत भी कम होगी।
* हमारी सरकार को नियमित पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करना चाहिए, ताकि हम यह निष्कर्ष निकाल सकें कि प्रकृति का महत्व क्या है और हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति से कितना दूर हैं।


* सरकार को समय-समय पर आवश्यक संसाधनों की सफाई भी करनी चाहिए, उन्हें अपनी आवश्यकताओं के आधार पर एयर फिल्टर, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र स्थापित करने चाहिए।
* सबसे महत्वपूर्ण काम जो हमें करना है वह है औद्योगिक इकाइयों की संख्या पर नियंत्रण, क्योंकि यह युग प्रतिस्पर्धा से भरा है, इसलिए जो उद्योग हमारे प्राकृतिक संसाधनों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते हैं व सरकार के तय मानक पर कार्य करते हैं केवल उसे औद्योगिक उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया जाना चाहिए।


* हमारी सरकार को नियमित पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करना चाहिए।  ताकि हम यह निष्कर्ष निकाल सकें कि प्रकृति का महत्व क्या है और हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति से कितना दूर हैं।
== अभ्यास प्रश्न ==


* सबसे महत्वपूर्ण काम जो हमें करना है वह है औद्योगिक इकाइयों की संख्या पर नियंत्रण।  क्योंकि यह युग प्रतिस्पर्धा से भरा है, इसलिए जो उद्योग हमारे प्राकृतिक संसाधनों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते हैं व सरकार के तय मानक पर कार्य करते हैं। केवल उसे औद्योगिक उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया जाना चाहिए।
* औद्योगिक प्रदूषण के स्रोत बताइये।
* औद्योगिक प्रदूषण कम करने के उपाय कौन कौन से हैं ?
* औद्योगिक अपशिष्ट क्या हैं ?

Latest revision as of 18:40, 18 May 2024

21वीं सदी में, बड़ी संख्या में औद्योगिक स्थापना ने कम लागत वाले उत्पाद बनाने के लिए एक क्रांति शुरू की। वे औद्योगिक अपशिष्ट कुप्रबंधन से होने वाले अपने आर्थिक नुकसान को पूरा करते हैं। औद्योगिक इकाइयों से बिना उपचारित किए वायुमंडल में छोड़े गए अपशिष्ट उत्पाद या उपोत्पाद को औद्योगिक अपशिष्ट के रूप में जाना जाता है।

इसका हमारे पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यह आज के युग में प्रदूषण का प्रमुख कारण है। औद्योगिक प्रदूषण किसी भी अन्य प्रदूषण की तुलना में प्राकृतिक संसाधनों को अधिक प्रदूषित करता है। यह हमारे बुनियादी आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित करता है। हमारे सजीव वातावरण में, यह वायु गुणवत्ता सूचकांक को कम करता है। इसने जल संसाधन नदी, नहर और भूजल को भी प्रदूषित कर दिया। औद्योगिक उत्पाद कीटनाशक, उर्वरक मिट्टी की गुणवत्ता खराब करते हैं। साथ ही फसल में खतरनाक रसायनों के अवांछित प्रयोग के कारण फसल की वनस्पति गुणवत्ता भी नष्ट हो जाती है।

औद्योगिक प्रदूषण के स्रोत

औद्योगिक प्रदूषण के बहुत सारे स्रोत हैं, उनमें से कुछ का वर्णन नीचे दिया गया है, यह बताता है कि किस प्रकार के उद्योग द्वारा कौन से प्रदूषक जारी किए जाते हैं।

लौह और इस्पात संयंत्र जो ब्लास्ट फर्नेस स्लैग अपशिष्ट का उत्पादन करते हैं। एल्यूमीनियम, जस्ता और तांबे की विनिर्माण इकाइयों से निकलने वाले औद्योगिक अपशिष्ट मिट्टी और टेलिंग तालाब हैं, जिनमें 7-8% धातु होती भी है। उनके अन्य अपशिष्टों में विघटित धातुएँ होती हैं।

उर्वरक उद्योग जिप्सम और अमोनिया जैसे अन्य नाइट्रोजन युक्त अपशिष्ट का उत्पादन करते हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि और नदियों का सुपोषण होता है। उर्वरक उद्योगों के अन्य उपोत्पाद नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड हैं। इससे अम्लीय वर्षा होती है, ये गैसें संक्षारक प्रकृति की होती हैं।

कीटनाशक उद्योग प्रदूषकों में आर्सेनिक (As), सीसा (Pb) और पारा (Hg) जैसी भारी धातुओं के यौगिक होते हैं। वे पर्यावरण में जहरीले रसायनों का रिसाव उत्पन्न करते हैं और पानी और मिट्टी को प्रदूषित करते हैं।

दवाओं, फार्मास्युटिकल के औद्योगिक कचरे में विभिन्न खतरनाक रसायन होते हैं जैसे ज़ाइलीन, टॉलूईन, मेथनॉल, एन-ब्यूटाइल अल्कोहल, साइक्लोहेक्सानोन आदि। ये औद्योगिक उपोत्पाद सामान्यतः सीधे हवा और जल निकायों में मुक्त होते हैं। और यह जल निकायों में उनके ऑक्सीकरण और जलयोजन द्वारा कई जहरीले यौगिकों का निर्माण करता है।

पेंट, रबर के उद्योग खतरनाक अपशिष्ट पैदा करते हैं, जो ज्वलनशील, मिश्रित विस्फोटक या अत्यधिक अभिक्रियाशील पदार्थ होते हैं। पेंट उद्योग द्वारा वाष्पशील कार्बनिक यौगिक और Cd, Pb, Hg जैसे भारी धातुओं के अवशेष उत्सर्जित होते हैं। जो कि खतरनाक वायु प्रदूषक होते हैं। रबर उद्योग द्वारा उत्सर्जित सल्फर प्रदूषक मानव के लिए सबसे अधिक विषैला होता है।

थर्मल पावर प्लांट गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट, सूखी फ्लाई ऐश उत्पन्न करते हैं जो हवा को प्रदूषित करते हैं। बिजली संयंत्रों द्वारा बहुत सारी प्रदूषक गैसें उत्पन्न होती हैं, विशेष रूप से कार्बन के ऑक्साइड। ये गैसें जीवाश्म ईंधन के जलने से निकलती हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं।

औद्योगिक प्रदूषण के दुष्परिणाम

औद्योगिक प्रदूषण की समस्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों का चक्र गड़बड़ा जाता है, जिसका मौसम पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। अब हर मौसम कैलेंडर का पालन नहीं करता है, वे अनिश्चित और असामयिक हो गए हैं। ग्लोबल वार्मिंग में औद्योगिक प्रदूषण का प्रमुख योगदान है। ग्लोबल वार्मिंग के विनाशकारी प्रभाव पिघलते ग्लेशियरों, प्राकृतिक आपदाओं सुनामी और तूफान के रूप में देखे जाते हैं। रासायनिक अपशिष्टों, कीटनाशकों, प्रदूषक गैसों, भारी धातु यौगिकों, रेडियोधर्मी पदार्थों आदि के कारण औद्योगिक प्रदूषण पृथ्वी और उसके निवासियों की जीवन प्रणाली को नुकसान पहुंचा रहा है। यह वन्यजीवों और पारिस्थितिक तंत्रों को बुरी तरह प्रभावित करता है और उनके प्राकृतिक संसाधनों को बाधित करता है। इन प्रतिकूल वातावरण के कारण जानवर विलुप्त हो रहे हैं, और उनके आवास नष्ट हो रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन स्वस्थ जीवन हमारे ग्रह पर बहुत कीमती हो जाएगा।

औद्योगिक प्रदूषण कम करने के उपाय

  • औद्योगिक क्षेत्र शहरी क्षेत्र के बाहर स्थापित होना चाहिए, ताकि प्रदूषित गैस पर्यावरण को प्रभावित न करे, औद्योगिक अपशिष्ट का उचित उपचार होना चाहिए। ताकि यह प्रकृति में सीधे या विषैले रूप से जारी न हो।
  • हमें पर्यावासों का पुनर्निर्माण और वनरोपण करना चाहिए। इसके द्वारा प्रदूषकों को पौधों और वनस्पतियों द्वारा अवशोषित या उपभोग किया जाएगा।
  • सरकार को उन लोगों पर सख्त कानून और प्रवर्तन लागू करना चाहिए, जो प्राकृतिक निकायों के खिलाफ नियम तोड़ते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं।
  • जितना हम कर सकते हैं, हमें औद्योगिक कचरे या उपोत्पाद का पुनर्चक्रण करना चाहिए, ताकि वातावरण में खराब होने के लिए बड़े पैमाने पर कचरा न फेंका जाए, इससे आर्थिक लागत भी कम होगी।
  • सरकार को समय-समय पर आवश्यक संसाधनों की सफाई भी करनी चाहिए, उन्हें अपनी आवश्यकताओं के आधार पर एयर फिल्टर, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र स्थापित करने चाहिए।
  • हमारी सरकार को नियमित पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करना चाहिए, ताकि हम यह निष्कर्ष निकाल सकें कि प्रकृति का महत्व क्या है और हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति से कितना दूर हैं।
  • सबसे महत्वपूर्ण काम जो हमें करना है वह है औद्योगिक इकाइयों की संख्या पर नियंत्रण, क्योंकि यह युग प्रतिस्पर्धा से भरा है, इसलिए जो उद्योग हमारे प्राकृतिक संसाधनों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते हैं व सरकार के तय मानक पर कार्य करते हैं केवल उसे औद्योगिक उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया जाना चाहिए।

अभ्यास प्रश्न

  • औद्योगिक प्रदूषण के स्रोत बताइये।
  • औद्योगिक प्रदूषण कम करने के उपाय कौन कौन से हैं ?
  • औद्योगिक अपशिष्ट क्या हैं ?