मोनोक्लिनिक सल्फर: Difference between revisions
From Vidyalayawiki
(Created blank page) |
No edit summary |
||
| (9 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
| Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:P ब्लॉक के तत्व]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]] | |||
मोनोक्लिनिक [[सल्फर के ऑक्सी अम्ल|सल्फर]] जिसे (β-सल्फर) भी कहते हैं। जब हम एक बर्तन में रोम्बिक सल्फर को पिघलाते हैं और उसे ठंडा करनते हैं तो हमें मोनोक्लिनिक सल्फर प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया में, हम परत में दो छेद करते हैं और बचा हुआ तरल बाहर निकाल देते हैं। इसके बाद जब परत हटा दी जाती है तो हमें β-सल्फर के रंगहीन सुई के आकार के [[क्रिस्टलन|क्रिस्टल]] मिलते हैं। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* β-सल्फर एवं मोनोक्लिनिक सल्फर में क्या अंतर है ? | |||
* मोनोक्लिनिक सल्फर क्या है ? | |||
Latest revision as of 23:06, 30 May 2024
मोनोक्लिनिक सल्फर जिसे (β-सल्फर) भी कहते हैं। जब हम एक बर्तन में रोम्बिक सल्फर को पिघलाते हैं और उसे ठंडा करनते हैं तो हमें मोनोक्लिनिक सल्फर प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया में, हम परत में दो छेद करते हैं और बचा हुआ तरल बाहर निकाल देते हैं। इसके बाद जब परत हटा दी जाती है तो हमें β-सल्फर के रंगहीन सुई के आकार के क्रिस्टल मिलते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- β-सल्फर एवं मोनोक्लिनिक सल्फर में क्या अंतर है ?
- मोनोक्लिनिक सल्फर क्या है ?