आर्किमीडीज़ का सिद्धांत-प्राथमिक स्तर: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

 
(2 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
Archemedes Principle
Archemedes Principle


आर्किमिडीज़ का सिद्धांत भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जो किसी तरल पदार्थ (तरल या गैस) में डूबी वस्तु द्वारा अनुभव किए जाने वाले उत्प्लावन बल की व्याख्या करता है। इस सिद्धांत की खोज प्राचीन यूनानी गणितज्ञ और वैज्ञानिक आर्किमिडीज़ ने की थी।
आर्किमिडीज़ का सिद्धांत भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जो किसी तरल पदार्थ (तरल अथवा  द्रव्य (गैस) पदार्थों) में डूबी वस्तु द्वारा अनुभव किए जाने वाले उत्प्लावन बल की व्याख्या करता है। इस सिद्धांत की खोज प्राचीन यूनानी गणितज्ञ और वैज्ञानिक आर्किमिडीज़ ने की थी।


== महत्वपूर्ण अवधारणाएं ==
== महत्वपूर्ण अवधारणाएं ==
Line 17: Line 17:
आर्किमिडीज़ के सिद्धांत को इस प्रकार कहा जा सकता है:
आर्किमिडीज़ के सिद्धांत को इस प्रकार कहा जा सकता है:


"जब कोई पिंड पूरी तरह या आंशिक रूप से किसी तरल पदार्थ में डूबा होता है, तो यह शरीर द्वारा विस्थापित तरल पदार्थ के वजन के बराबर ऊपर की ओर उछाल वाले बल का अनुभव करता है।"
"जब कोई पिंड पूरी तरह या आंशिक रूप से किसी तरल पदार्थ में डूबा होता है, तो यह उस पिंड द्वारा विस्थापित तरल पदार्थ के वजन के बराबर ऊपर की ओर उछाल वाले बल (उत्प्लावन बल) का अनुभव करता है।"


====== गणितीय समीकरण ======
====== गणितीय समीकरण ======
उत्प्लावन बल (FbFb​) की गणना निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके की जा सकती है:
उत्प्लावन बल (Fb​) की गणना निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके की जा सकती है:


<math>F_b=\rho \cdot V\cdot g</math>
<math>F_b=\rho \cdot V\cdot g</math>

Latest revision as of 11:00, 6 June 2024

Archemedes Principle

आर्किमिडीज़ का सिद्धांत भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जो किसी तरल पदार्थ (तरल अथवा द्रव्य (गैस) पदार्थों) में डूबी वस्तु द्वारा अनुभव किए जाने वाले उत्प्लावन बल की व्याख्या करता है। इस सिद्धांत की खोज प्राचीन यूनानी गणितज्ञ और वैज्ञानिक आर्किमिडीज़ ने की थी।

महत्वपूर्ण अवधारणाएं

   उत्प्लावन बल

जब किसी वस्तु को किसी तरल पदार्थ में रखा जाता है, तो उस पर ऊपर की ओर एक बल का अनुभव होता है जिसे उत्प्लावन बल के रूप में जाना जाता है। यह बल द्रव द्वारा लगाया जाता है और गुरुत्वाकर्षण की विपरीत दिशा में कार्य करता है।

   घनत्व

घनत्व इस बात का माप है कि किसी दिए गए आयतन में कितना द्रव्यमान समाहित है। आर्किमिडीज़ के सिद्धांत में किसी वस्तु या तरल पदार्थ का घनत्व एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

   द्रव का विस्थापन

जब कोई वस्तु किसी तरल पदार्थ में डूबी होती है, तो वह अपने आयतन के बराबर तरल पदार्थ की मात्रा विस्थापित कर देती है। उत्प्लावन बल के निर्धारण में यह विस्थापन महत्वपूर्ण है।

आर्किमिडीज़ का सिद्धांत कथन

आर्किमिडीज़ के सिद्धांत को इस प्रकार कहा जा सकता है:

"जब कोई पिंड पूरी तरह या आंशिक रूप से किसी तरल पदार्थ में डूबा होता है, तो यह उस पिंड द्वारा विस्थापित तरल पदार्थ के वजन के बराबर ऊपर की ओर उछाल वाले बल (उत्प्लावन बल) का अनुभव करता है।"

गणितीय समीकरण

उत्प्लावन बल (Fb​) की गणना निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके की जा सकती है:

जहाँ:

  उत्प्लावन बल है।

   द्रव का घनत्व है।

  वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव का आयतन है।

   गुरुत्वाकर्षण के कारण होने वाला त्वरण है।

चित्रण

एक तैरती हुई वस्तु का भार Fp और उसकी उत्प्लावकता Fa (पाठ में Fb) आकार में बराबर होनी चाहिए।यहाँ Vi उत्सर्जित द्रव्य (तरल पदार्थ) है ।

एक ठोस वस्तु की कल्पना करें, जैसे कि लकड़ी का गुटका, जो पानी में तैर रही हो। ब्लॉक अपने आयतन के बराबर पानी की मात्रा विस्थापित करता है। ब्लॉक पर लगने वाला उत्प्लावन बल इस विस्थापित पानी के भार के बराबर है। यदि उत्प्लावन बल ब्लॉक के वजन से अधिक या उसके बराबर है, तो यह तैर जाएगा; अन्यथा, यह डूब जाएगा ।

महत्त्व

आर्किमिडीज़ का सिद्धांत विभिन्न वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण है, जिनमें शामिल हैं:

  •    जहाजों, पनडुब्बियों और अन्य जलयानों की उछाल को डिजाइन करना और समझना।
  •    पानी में वस्तुओं के तैरने की व्याख्या करना।
  •    जल विस्थापन का उपयोग करके अनियमित आकार की वस्तुओं के आयतन की गणना करना।
  •    गुब्बारों और हवाई जहाजों में गैसों के व्यवहार को समझना।

संक्षेप में

आर्किमिडीज़ का सिद्धांत किसी तरल पदार्थ में डूबी वस्तुओं द्वारा अनुभव किए जाने वाले उत्प्लावन बल की व्याख्या करता है। इसमें कहा गया है कि उत्प्लावन बल वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर है। यह सिद्धांत तरल पदार्थों में वस्तुओं के व्यवहार को समझने के लिए आवश्यक है और विभिन्न क्षेत्रों में इसका व्यावहारिक अनुप्रयोग है।