भौतिक प्रक्रमों में साम्यावस्था: Difference between revisions
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भौतिक साम्यावस्था (Physical Equilibrium) उस साम्यावस्था को कहते है जिसमें दो विपरित भौतिक प्रक्रम परस्पर साम्य में होते | भौतिक साम्यावस्था (Physical Equilibrium) उस [[साम्यावस्था स्थिरांक K, अभिक्रिया भागफल Q तथा गिब्स ऊर्जा G में सम्बन्ध|साम्यावस्था]] को कहते है जिसमें दो विपरित भौतिक प्रक्रम परस्पर [[साम्य को प्रभावित करने वाले कारक|साम्य]] में होते है। साम्य किसी भौतिक अवस्था में उत्पन्न तो उसे भौतिक साम्य कहते हैं। जब दो विरोधी भौतिक प्रक्रम परस्पर साम्य की अवस्था में होते हैं तो उसे भौतिक साम्य कहते हैं। साम्य पर अग्र और पश्च अभिक्रिया के वेग बराबर होते हैं। भौतिक साम्य के कुछ उदाहरण निम्न लिखित हैं: | ||
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=== गैस विलयन साम्य निकाय पर दाब परिवर्तन का प्रभाव === | === गैस विलयन साम्य निकाय पर दाब परिवर्तन का प्रभाव === | ||
जब गैस विलयन में घुलती है तो उसका आयतन घटता है। अतः गैस विलयन साम्य निकाय पर दाब लगाने से साम्य अग्र दिशा में विस्थापित होता है, अर्थात गैस की विलेयता बढ़ती है, क्योकी उस दिशा में जाने से दाब वृद्धि का प्रभाव निरस्त हो जाता है। | जब गैस विलयन में घुलती है तो उसका आयतन घटता है। अतः गैस [[विलयन]] [[साम्य को प्रभावित करने वाले कारक|साम्य]] निकाय पर दाब लगाने से साम्य अग्र दिशा में विस्थापित होता है, अर्थात गैस की विलेयता बढ़ती है, क्योकी उस दिशा में जाने से दाब वृद्धि का प्रभाव निरस्त हो जाता है। | ||
गैस <chem> <=> </chem> विलयन | गैस <chem> <=> </chem> विलयन | ||
=== ठोस पदार्थों की विलेयता पर ताप परिवर्तन का प्रभाव === | === ठोस पदार्थों की विलेयता पर ताप परिवर्तन का प्रभाव === | ||
ला शातेलिए नियम के अनुसार, किसी साम्य निकाय निकाय का ताप बढ़ाने पर साम्य उस दिशा में विस्थापित होता है जिधर ऊष्मा उत्सर्जित होती है। अतः जो पदार्थ घुलने पर ऊष्मा अवशोषित करते हैं उनकी विलेयता ताप वृद्धि के साथ बढ़ती है। | ला शातेलिए नियम के अनुसार, किसी साम्य निकाय निकाय का ताप बढ़ाने पर साम्य उस दिशा में विस्थापित होता है जिधर ऊष्मा उत्सर्जित होती है। अतः जो पदार्थ घुलने पर [[ऊष्मा]] अवशोषित करते हैं उनकी [[विलेयता]] ताप वृद्धि के साथ बढ़ती है। | ||
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अतः ताप बढ़ाने से KNO<sub>3</sub> की विलेयता बढ़ती है। पोटेशियम नाइट्रेट के सदृश अधिकांश पदार्थ जल में घोलने पर ऊष्मा अवशोषित करते हैं, अतः ताप बढ़ाने से अधिकांश पदार्थों की विलेयता बढ़ती है। | अतः ताप बढ़ाने से KNO<sub>3</sub> की विलेयता बढ़ती है। पोटेशियम नाइट्रेट के सदृश अधिकांश पदार्थ जल में घोलने पर ऊष्मा अवशोषित करते हैं, अतः ताप बढ़ाने से अधिकांश पदार्थों की विलेयता बढ़ती है। | ||
<chem>Ca(OH)2 ( | <chem>Ca(OH)2 (sol) <=> Ca(OH)2(s) + heat </chem> | ||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* बर्फ जल [[साम्य को प्रभावित करने वाले कारक|साम्य]] पर दाब परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है ? | |||
* भौतिक साम्यावस्था से क्या तात्पर्य है ? | |||
* ठोस पदार्थों की विलेयता पर ताप परिवर्तन का प्रभाव बताइये। | |||
Latest revision as of 12:36, 6 June 2024
भौतिक साम्यावस्था (Physical Equilibrium) उस साम्यावस्था को कहते है जिसमें दो विपरित भौतिक प्रक्रम परस्पर साम्य में होते है। साम्य किसी भौतिक अवस्था में उत्पन्न तो उसे भौतिक साम्य कहते हैं। जब दो विरोधी भौतिक प्रक्रम परस्पर साम्य की अवस्था में होते हैं तो उसे भौतिक साम्य कहते हैं। साम्य पर अग्र और पश्च अभिक्रिया के वेग बराबर होते हैं। भौतिक साम्य के कुछ उदाहरण निम्न लिखित हैं:
ठोस द्रव
द्रव वाष्प
गैस विलयन
बर्फ जल साम्य पर दाब परिवर्तन का प्रभाव
बर्फ के गलनांक पर बर्फ और जल के मध्य साम्य रहता है,
बर्फ जल
लाशातेलिये नियम के अनुसार, किसी साम्य निकाय पर दाब लगाने से साम्य उस दिशा में विस्थापित होता है जिधर आयतन में कमी होती है। जल की किसी मात्रा का आयतन बर्फ की उतनी ही मात्रा के आयतन से कम होता है, अतः बर्फ जल साम्य निकाय पट दाब लगाने से साम्य अग्र दिशा में विस्थापित होता है, अर्थात बर्फ पिघलती है, क्योकी उस दिशा में जाने से दाब वृद्धि का प्रभाव निरस्त हो जाता है।
गैस विलयन साम्य निकाय पर दाब परिवर्तन का प्रभाव
जब गैस विलयन में घुलती है तो उसका आयतन घटता है। अतः गैस विलयन साम्य निकाय पर दाब लगाने से साम्य अग्र दिशा में विस्थापित होता है, अर्थात गैस की विलेयता बढ़ती है, क्योकी उस दिशा में जाने से दाब वृद्धि का प्रभाव निरस्त हो जाता है।
गैस विलयन
ठोस पदार्थों की विलेयता पर ताप परिवर्तन का प्रभाव
ला शातेलिए नियम के अनुसार, किसी साम्य निकाय निकाय का ताप बढ़ाने पर साम्य उस दिशा में विस्थापित होता है जिधर ऊष्मा उत्सर्जित होती है। अतः जो पदार्थ घुलने पर ऊष्मा अवशोषित करते हैं उनकी विलेयता ताप वृद्धि के साथ बढ़ती है।
उदाहरण
पौटेशियम नाइट्रेट, को जल में घोलने पर ऊष्मा अवशोषित होती है।
अतः ताप बढ़ाने से KNO3 की विलेयता बढ़ती है। पोटेशियम नाइट्रेट के सदृश अधिकांश पदार्थ जल में घोलने पर ऊष्मा अवशोषित करते हैं, अतः ताप बढ़ाने से अधिकांश पदार्थों की विलेयता बढ़ती है।
अभ्यास प्रश्न
- बर्फ जल साम्य पर दाब परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है ?
- भौतिक साम्यावस्था से क्या तात्पर्य है ?
- ठोस पदार्थों की विलेयता पर ताप परिवर्तन का प्रभाव बताइये।