विद्युत विभव और विभवांतर: Difference between revisions

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Electric Potential and Potential Difference
विद्युत विभव (जिसे विद्युत क्षेत्र विभव, इलेक्ट्रोस्टैटिक विभव भी कहा जाता है) को विद्युत आवेश की प्रति इकाई के लिए आवश्यक कार्य/ऊर्जा की मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो विद्युत क्षेत्र में एक संदर्भ बिंदु से एक विशिष्ट बिंदु तक आवेश को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक होता है।


किसी इकाई धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उस बिन्दु का विद्युत विभव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, किसी बिन्दु पर स्थित ईकाई बिन्दुवत धनावेश में संग्रहित वैद्युत स्थितिज ऊर्जा, उस बिन्दु के विद्युत विभव के बराबर होती है।
विद्युत क्षेत्र को प्रति इकाई आवेश में स्थितिज ऊर्जा की मात्रा कहा जा सकता है।
<math> V = \frac{E}{C}</math>जहाँ
V =  विद्युत विभव
E = ऊर्जा
C = आवेश
मात्रक = जूल/कूलम्ब
== विभवान्तर ==
किन्हीं दो बिन्दुओं के विद्युत विभवों के अंतर को विभवान्तर या 'वोल्टता' कहते हैं। दूसरे शब्दों में, इकाई धनावेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में किए गए कार्य को उन दो बिन्दुओं के बीच का विभवान्तर कहते हैं। विभवान्तर को वोल्टमापी द्वारा मापा जाता है।
<math>V = \frac{W}{Q}</math>
जहाँ
V =  विभवान्तर
W = एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में किए गया कार्य
Q = आवेश
== विद्युत विभव और विद्युत विभवांतर में अंतर ==
{| class="wikitable"
|+
!विद्युत विभव
!विद्युत विभवांतर
|-
|विद्युत विभव प्रति इकाई आवेश पर किया गया कार्य है जो आवेश को विद्युत क्षेत्र में
अनंत से एक बिंदु तक लाने के लिए किया जाता है।
|विद्युत विभवांतर विद्युत क्षेत्र में ही एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक आवेश को ले जाने के दौरान उत्पन्न विभव है। विद्युत विभव और विद्युत विभवांतर दोनों की SI इकाई वोल्ट/वोल्टेज है।
|-
|मात्रक = जूल/कूलम्ब या वोल्ट ( V )
|मात्रक = जूल/कूलम्ब या वोल्ट ( V )
|}
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[[Category:विद्युत]]
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[[Category:कक्षा-10]]
[[Category:भौतिक विज्ञान]]

Latest revision as of 09:24, 7 November 2024

विद्युत विभव (जिसे विद्युत क्षेत्र विभव, इलेक्ट्रोस्टैटिक विभव भी कहा जाता है) को विद्युत आवेश की प्रति इकाई के लिए आवश्यक कार्य/ऊर्जा की मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो विद्युत क्षेत्र में एक संदर्भ बिंदु से एक विशिष्ट बिंदु तक आवेश को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक होता है।

किसी इकाई धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उस बिन्दु का विद्युत विभव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, किसी बिन्दु पर स्थित ईकाई बिन्दुवत धनावेश में संग्रहित वैद्युत स्थितिज ऊर्जा, उस बिन्दु के विद्युत विभव के बराबर होती है।

विद्युत क्षेत्र को प्रति इकाई आवेश में स्थितिज ऊर्जा की मात्रा कहा जा सकता है।

जहाँ

V = विद्युत विभव

E = ऊर्जा

C = आवेश

मात्रक = जूल/कूलम्ब

विभवान्तर

किन्हीं दो बिन्दुओं के विद्युत विभवों के अंतर को विभवान्तर या 'वोल्टता' कहते हैं। दूसरे शब्दों में, इकाई धनावेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में किए गए कार्य को उन दो बिन्दुओं के बीच का विभवान्तर कहते हैं। विभवान्तर को वोल्टमापी द्वारा मापा जाता है। जहाँ V = विभवान्तर W = एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में किए गया कार्य Q = आवेश

विद्युत विभव और विद्युत विभवांतर में अंतर

विद्युत विभव विद्युत विभवांतर
विद्युत विभव प्रति इकाई आवेश पर किया गया कार्य है जो आवेश को विद्युत क्षेत्र में

अनंत से एक बिंदु तक लाने के लिए किया जाता है।

विद्युत विभवांतर विद्युत क्षेत्र में ही एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक आवेश को ले जाने के दौरान उत्पन्न विभव है। विद्युत विभव और विद्युत विभवांतर दोनों की SI इकाई वोल्ट/वोल्टेज है।
मात्रक = जूल/कूलम्ब या वोल्ट ( V ) मात्रक = जूल/कूलम्ब या वोल्ट ( V )