पर्णवृंततल्प: Difference between revisions
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पर्णवृंत के अंदर, संवहनी ऊतक (जाइलम और फ्लोएम) केंद्र से होकर गुजरते हैं, जो एक संवहनी बंडल बनाते हैं। [[जाइलम]] पत्ती तक पानी और खनिज पहुँचाता है, जबकि [[फ्लोएम तंतु|फ्लोएम]] '''प्रकाश संश्लेष'''ण के माध्यम से पत्ती द्वारा उत्पादित भोजन को पौधे के अन्य भागों में वापस पहुँचाता है। | पर्णवृंत के अंदर, संवहनी ऊतक ([[जाइलम]] और [[फ्लोएम तंतु|फ्लोएम]]) केंद्र से होकर गुजरते हैं, जो एक संवहनी बंडल बनाते हैं। [[जाइलम]] पत्ती तक पानी और [[खनिज]] पहुँचाता है, जबकि [[फ्लोएम तंतु|फ्लोएम]] '''प्रकाश संश्लेष'''ण के माध्यम से पत्ती द्वारा उत्पादित भोजन को पौधे के अन्य भागों में वापस पहुँचाता है। | ||
*पौधे की प्रजाति और पत्ती के प्रकार के आधार पर पर्णवृंत अलग-अलग लंबाई और मोटाई का हो सकता है। | |||
*यह आमतौर पर बेलनाकार या थोड़ा चपटा होता है। | |||
*पर्णवृंत अक्सर हरा होता है और इसमें संवहनी बंडल ([[जाइलम]] और [[फ्लोएम तंतु|फ्लोएम]]) होते हैं, जो पत्ती के ब्लेड से पानी, पोषक तत्वों और भोजन को ले जाते हैं। | |||
*कुछ पौधों में, पर्णवृंत को अतिरिक्त कार्य करने के लिए मोटा, चपटा या संशोधित किया जा सकता है, जैसे भंडारण या समर्थन। | |||
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Latest revision as of 15:15, 23 November 2024
पर्णवृंत पौधे की शारीरिक रचना में एक महत्वपूर्ण संरचना है, विशेष रूप से पत्तियों के अध्ययन में। यहाँ पर्णवृंत, इसकी संरचना और कार्य का विस्तृत विवरण दिया गया है:
- पर्णवृंत वह डंठल है जो पत्ती के ब्लेड (लैमिना) को पौधे के तने से जोड़ता है।
- यह पत्ती और तने के बीच एक कनेक्टर के रूप में कार्य करता है, जिससे पोषक तत्व, पानी और प्रकाश संश्लेषक उत्पादों को दोनों के बीच ले जाया जा सकता है।
संरचना
पर्णवृंत आमतौर पर बेलनाकार या अर्ध-बेलनाकार होता है, और पौधे की प्रजाति के आधार पर इसकी लंबाई काफी भिन्न हो सकती है।
पर्णवृंत के अंदर, संवहनी ऊतक (जाइलम और फ्लोएम) केंद्र से होकर गुजरते हैं, जो एक संवहनी बंडल बनाते हैं। जाइलम पत्ती तक पानी और खनिज पहुँचाता है, जबकि फ्लोएम प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से पत्ती द्वारा उत्पादित भोजन को पौधे के अन्य भागों में वापस पहुँचाता है।
- पौधे की प्रजाति और पत्ती के प्रकार के आधार पर पर्णवृंत अलग-अलग लंबाई और मोटाई का हो सकता है।
- यह आमतौर पर बेलनाकार या थोड़ा चपटा होता है।
- पर्णवृंत अक्सर हरा होता है और इसमें संवहनी बंडल (जाइलम और फ्लोएम) होते हैं, जो पत्ती के ब्लेड से पानी, पोषक तत्वों और भोजन को ले जाते हैं।
- कुछ पौधों में, पर्णवृंत को अतिरिक्त कार्य करने के लिए मोटा, चपटा या संशोधित किया जा सकता है, जैसे भंडारण या समर्थन।
कार्य
- संलग्नक: डंठल का प्राथमिक कार्य पत्ती के ब्लेड को ऐसी स्थिति में रखना है जो प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश अवशोषण को अधिकतम करता है।
- संचालन: डंठल पत्ती और तने के बीच पानी, खनिज और कार्बनिक पोषक तत्वों (जैसे शर्करा) के परिवहन के लिए एक नाली के रूप में कार्य करता है।
- लचीलापन और सहारा: डंठल अक्सर पत्ती को लचीलापन देते हैं, जिससे यह बिना टूटे झुक सकती है और हिल सकती है, जिससे हवा से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलती है।
- पत्ती की दिशा: पत्ती के ब्लेड की स्थिति को समायोजित करके, डंठल पत्ती को इष्टतम सूर्य के प्रकाश को प्राप्त करने के लिए दिशा देने में मदद करता है।
- भंडारण: कुछ पौधों में, डंठल पोषक तत्वों या पानी के भंडारण अंग के रूप में भी काम कर सकता है।
पत्ती के प्रकार
- लंबा डंठल: ऐसे पौधों में पाया जाता है जहाँ पत्ती के ब्लेड को प्रकाश के बेहतर संपर्क के लिए तने से दूर रखने की आवश्यकता होती है (जैसे, केला)।
- छोटा डंठल: कुछ पौधों में, डंठल बहुत छोटा या लगभग अनुपस्थित होता है, जिससे पत्ती तने के बहुत करीब बैठती है (जैसे, घास)।
- पंखदार डंठल: कुछ डंठलों में दोनों तरफ विस्तार होते हैं, जो पंख जैसी संरचना बनाते हैं (जैसे, साइट्रस पौधे)।
- पर्णवृंतेट पत्तियां: जिन पत्तियों में एक अलग डंठल होता है, उन्हें पर्णवृंतेट कहा जाता है।
- सीसाइल पत्तियां: जिन पत्तियों में डंठल नहीं होता और जो सीधे तने से जुड़ी होती हैं, उन्हें सीसाइल कहा जाता है।
विशेष कार्य
कुछ पौधों में, डंठलों में विशेष अनुकूलन हो सकते हैं:
- पानी का भंडारण: अजवाइन जैसे पौधों में, डंठल मोटा होता है और पानी का भंडारण करता है।
- प्रकाश संश्लेषण: ऑक्सालिस जैसे कुछ पौधों में, डंठल स्वयं हरा हो सकता है और प्रकाश संश्लेषण में योगदान दे सकता है।
- प्रतान: कुछ चढ़ने वाले पौधों (जैसे, क्लेमाटिस) में, डंठल को पौधे को सहारे से चिपके रहने में मदद करने के लिए प्रतान में संशोधित किया जा सकता है।
उदाहरण
- केला: केले के पौधे में लंबे डंठल वाले बड़े पत्ते होते हैं, जिससे पत्ती के ब्लेड फैल जाते हैं और अधिकतम सूर्य का प्रकाश प्राप्त कर पाते हैं।
- कमल: कमल के पौधों में बहुत लंबे डंठल होते हैं, जो उनकी पत्तियों को पानी की सतह पर तैरते रहने में मदद करते हैं।
- अजवाइन: अजवाइन का डंठल मोटा और मांसल होता है, जो पौधे के खाने योग्य भाग के रूप में काम करता है।
- पर्णवृंत पत्ती के ब्लेड को तने से जोड़ता है और पानी, खनिजों और पोषक तत्वों के परिवहन की सुविधा प्रदान करता है।
- पौधे की प्रजाति के आधार पर डंठल की लंबाई, मोटाई और आकार अलग-अलग हो सकते हैं।
- यह समर्थन, चालन, अभिविन्यास और कभी-कभी भंडारण में भूमिका निभाता है।
- पर्णवृंत वाली पत्तियों को पर्णवृंतेट कहा जाता है, जबकि बिना डंठल वाली पत्तियों को सेसाइल कहा जाता है।
पर्णवृंत से संबंधित प्रश्न
- पर्णवृंत क्या है और इसके क्या कार्य हैं?
- पर्णवृंत और सेसाइल पत्तियों के बीच अंतर बताइए।
- पानी और पोषक तत्वों के चालन में डंठल की क्या भूमिका है?
- पर्णवृंत पत्ती अभिविन्यास में कैसे मदद करता है?
- लंबे और छोटे डंठल वाले पौधों के उदाहरण दीजिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
- पौधों में डंठल की संरचना और कार्यों का वर्णन करें।
- विभिन्न पौधों में डंठल विभिन्न कार्यों के लिए कैसे अनुकूलित होता है, विशिष्ट उदाहरण देते हुए समझाएँ।
- पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में डंठल किस प्रकार योगदान देता है?