विषकारक: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

(Created blank page)
 
No edit summary
 
(16 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[Category:पृष्ठ रसायन]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]
जब किसी रासायनिक अभिक्रिया की गति किसी [[पदार्थ]] की उपस्थिति से या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है तो इसे '''"उत्प्रेरण"''' कहते हैं। जिस पदार्थ की उपस्थिति से अभिक्रिया की गति बढ़ती है या कम होती है उसे उत्प्रेरक कहते हैं। उत्प्रेरक कभी अभिक्रिया में भाग नहीं लेता, केवल अभिक्रिया की गति को प्रभावित करता है। दूसरे शब्दों में वो रासायनिक पदार्थ जिसकी उपस्थिति के कारण रासायनिक अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है या कम हो जाती है लेकिन वह स्वयं रासायनिक अभिक्रिया में भाग नहीं लेता है उसे उत्प्रेरक कहते है और इस प्रक्रिया को [[उत्प्रेरण]] कहते है।


'''''"उत्प्रेरक विष वे पदार्थ हैं जो स्वयं तो उत्प्रेरक का कार्य नहीं करते लेकिन उनकी उपस्थित में उत्प्रेरक की कार्य क्षमता घट जाती है उत्प्रेरक विष कहलाते हैं।"'''''
उत्प्रेरक अभिक्रिया में भाग लिए बिना अभिक्रिया की दर को बढ़ाता है, जबकि अवरोधक(विषकारक) अभिक्रिया को रोकते या धीमा करते हैं। अवरोधक रासायनिक यौगिक होते हैं जो अभिक्रिया को धीमा कर देते हैं। वे कभी-कभी अभिक्रिया भी रोक देते हैं। ये उत्प्रेरक के बिल्कुल विपरीत कार्य करते हैं। अवरोधक उत्प्रेरक की गतिविधि को कम कर देते हैं। इसलिए इन्हें "ऋणात्मक उत्प्रेरक" भी कहा जाता है। एक निश्चित [[अणु]] एक [[यौगिक]] की सक्रिय साइट पर आता है और बंध बनाता है जिससे कोई नया अणु नहीं आ पता, जिसे अवरोधक(विषकारक) के रूप में जाना जाता है।
उत्प्रेरक विष वे पदार्थ हैं जो अभिक्रिया की सक्रियता को घटा देते हैं या काम कर देते हैं।
===ऋणात्मक उत्प्रेरक===
उत्प्रेरक जो अभीक्रिया की दर को कम कर देता है उसे ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते है।
'''उदाहरण'''
क्लोरोफॉर्म का ऑक्सीकरण रोकने के लिए उसमे कुछ [[एल्कोहल]] मिला दिया जाता है।
<chem>2CHCl3(l) + O2(g) ->[alcohol] 2COCl2(g) + 2HCl(g)</chem>
== अभ्यास प्रश्न ==
* उत्प्रेरक वर्धक और उत्प्रेरक विष में क्या अंतर है?
* ऋणात्मक उत्प्रेरक से आप क्या समझते हैं?
* धनात्मक और ऋणात्मक उत्प्रेरक में अंतर बताइये।

Latest revision as of 21:40, 30 May 2024

जब किसी रासायनिक अभिक्रिया की गति किसी पदार्थ की उपस्थिति से या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है तो इसे "उत्प्रेरण" कहते हैं। जिस पदार्थ की उपस्थिति से अभिक्रिया की गति बढ़ती है या कम होती है उसे उत्प्रेरक कहते हैं। उत्प्रेरक कभी अभिक्रिया में भाग नहीं लेता, केवल अभिक्रिया की गति को प्रभावित करता है। दूसरे शब्दों में वो रासायनिक पदार्थ जिसकी उपस्थिति के कारण रासायनिक अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है या कम हो जाती है लेकिन वह स्वयं रासायनिक अभिक्रिया में भाग नहीं लेता है उसे उत्प्रेरक कहते है और इस प्रक्रिया को उत्प्रेरण कहते है।

"उत्प्रेरक विष वे पदार्थ हैं जो स्वयं तो उत्प्रेरक का कार्य नहीं करते लेकिन उनकी उपस्थित में उत्प्रेरक की कार्य क्षमता घट जाती है उत्प्रेरक विष कहलाते हैं।"

उत्प्रेरक अभिक्रिया में भाग लिए बिना अभिक्रिया की दर को बढ़ाता है, जबकि अवरोधक(विषकारक) अभिक्रिया को रोकते या धीमा करते हैं। अवरोधक रासायनिक यौगिक होते हैं जो अभिक्रिया को धीमा कर देते हैं। वे कभी-कभी अभिक्रिया भी रोक देते हैं। ये उत्प्रेरक के बिल्कुल विपरीत कार्य करते हैं। अवरोधक उत्प्रेरक की गतिविधि को कम कर देते हैं। इसलिए इन्हें "ऋणात्मक उत्प्रेरक" भी कहा जाता है। एक निश्चित अणु एक यौगिक की सक्रिय साइट पर आता है और बंध बनाता है जिससे कोई नया अणु नहीं आ पता, जिसे अवरोधक(विषकारक) के रूप में जाना जाता है।

उत्प्रेरक विष वे पदार्थ हैं जो अभिक्रिया की सक्रियता को घटा देते हैं या काम कर देते हैं।

ऋणात्मक उत्प्रेरक

उत्प्रेरक जो अभीक्रिया की दर को कम कर देता है उसे ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते है।

उदाहरण

क्लोरोफॉर्म का ऑक्सीकरण रोकने के लिए उसमे कुछ एल्कोहल मिला दिया जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • उत्प्रेरक वर्धक और उत्प्रेरक विष में क्या अंतर है?
  • ऋणात्मक उत्प्रेरक से आप क्या समझते हैं?
  • धनात्मक और ऋणात्मक उत्प्रेरक में अंतर बताइये।