साधारण नमक: Difference between revisions

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यह सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया के बाद बनता है। यह एक उदासीन नमक है। सोडियम क्लोराइड का pH मान लगभग 7 होता है।
यह सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया के बाद बनता है। यह एक उदासीन नमक है। सोडियम क्लोराइड का pH मान लगभग 7 होता है।


== क्लोर-अल्कली प्रक्रिया द्वारा साधारण नमक का निर्माण ==
== क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा साधारण नमक का निर्माण ==
सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह सोडियम क्लोराइड (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस पूरी प्रक्रिया को क्लोर-अल्कली प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है।
सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह सोडियम क्लोराइड (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (क्षार) होते हैं।
 
<chem> 2NaCl + 2H2O -> 2 NaOH</chem>

Revision as of 17:08, 1 June 2023

सोडियम क्लोराइड (NaCl) को साधारण नमक के रूप में भी जाना जाता है।

यह सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया के बाद बनता है। यह एक उदासीन नमक है। सोडियम क्लोराइड का pH मान लगभग 7 होता है।

क्लोर-क्षार प्रक्रिया द्वारा साधारण नमक का निर्माण

सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार होता है। इसे कास्टिक सोडा के नाम से भी जाना जाता है। यह सोडियम क्लोराइड (ब्राइन) के घोल के विधुत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है। ब्राइन (सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन) के विधुत अपघटन की प्रक्रिया में, ब्राइन सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाने के लिए विघटित हो जाता है। साधारण नमक (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित हो जाता है और सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में ऐनोड पर क्लोरीन तथा कैथोड पर उपोत्पाद के रूप में हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि बनने वाले उत्पाद क्लोरीन (क्लोर) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (क्षार) होते हैं।