अर्ध-संश्लेषित बहुलक: Difference between revisions
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वे प्राकृतिक बहुलक जिनमे रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा रूपांतरित करके सुधारा जा सकता है उसे '''''अर्द्धसंश्लेषित बहुलक''''' कहते हैं। | |||
=== उदाहरण === | |||
वल्कनीकृत रबर, सेलुलोस | |||
== वल्कनीकृत रबर == | |||
प्राकृतिक रबर उच्च ताप पर नर्म और निम्न ताप पर भंगुर हो जाता है। प्राकृतिक रबर अध्रुवीय विलायकों में घुलनशील है। यह आक्सीकरण अभिकर्मकों के प्रति प्रतिरोधी नहीं है इन भौतिक गुणों के आधार पर वल्कनीकरण की प्रक्रिया की जाती है। वल्कनीकरण से द्विबंध की स्थित पर सल्फर बंध बनता है और इस प्रकार रबर कठोर हो जाती है। सल्फर रबर में पॉलिमर श्रृंखलाओं के बीच क्रॉस-लिंक बनाता है। ये क्रॉस-लिंक एक त्रि-आयामी नेटवर्क संरचना बनाते हैं, जो रबर को नरम और चिपचिपी सामग्री से अधिक टिकाऊ, लोचदार और गर्मी प्रतिरोधी रूप में बदल देते हैं। वल्कनीकरण प्रक्रिया में तापमान और तापन की अवधि महत्वपूर्ण कारक हैं। मिश्रण को अक्सर लगभग 140-160 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है। | |||
टायर जिस रबर से बनता है उसमे 5 % सल्फर का प्रयोग किया जाता है। | |||
===वल्कनीकरण के प्रमुख लाभ=== | |||
*यह रबर की ताकत और स्थायित्व प्रदान करता है। | |||
*वल्कनीकरण रबर को बेहतर लोच और लचीलापन प्रदान करता है। | |||
*पर्यावरणीय कारकों और रसायनों के प्रति बेहतर प्रतिरोध प्रदान करता है। | |||
*चिपचिपेपन में कमी और हैंडलिंग गुणों में सुधार प्रदान करता है। | |||
== सेलुलोस == | |||
ग्लूकोज़ या द्राक्ष शर्करा सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट है। यह जल में घुलनशील होता है तथा इसका रासायनिक सूत्र C₆H₁₂O₆ है। यह स्वाद में मीठा होता है तथा सजीवों की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का सर्व प्रमुख स्रोत है।सेलुलोज एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (C<sub>6</sub>H<sub>10</sub>O<sub>5</sub>)<sub>n</sub> है। यह एक बहुशर्करा (पॉलीसैक्कराइड शर्करा) है जिसमें एक ही प्रकार का अणु लगातार जुड़ने से एक हजारों अणुओं वाला बहुलक बन जाता है। बहुत सारे हरे पौधों की कोशिका भित्तियाँ सेलुलोज की ही बनी होतीं हैं और जीव-जगत में इसका बहुत महत्व है। कपास के रेशों का 90% हिस्सा सेलुलोज होता है। सेलुलोज वस्तुत: तीन प्रकार का होता है; ऐल्फा सेलुलोज, बीटा सेलुलोज तथा गामा सेलुलोज। रूई से प्राप्त शुद्ध सेलुलोज में प्राय: 99 प्रतिशत ऐल्फा सेलुलोज रहता है। इसे प्राप्त करने के लिए रूई को 130 से. 180 सें. पर सोडियम हाइड्राक्साइड के 2 से 5 प्रतिशत विलयन के दाब में उपचारित करते, फिर विरंजित करते और अंत में धोकर सफाई करते हैं। | |||
==अभ्यास प्रश्न== | |||
*सेलुलोज क्या है? | |||
*सेलुलोज की मानव शरीर में क्या भूमिका है ? | |||
*संश्लेषित रबर किस प्रकार का बहुलक है? | |||
*रबर का वल्कनीकरण क्या है? | |||
Revision as of 16:05, 18 April 2024
वे प्राकृतिक बहुलक जिनमे रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा रूपांतरित करके सुधारा जा सकता है उसे अर्द्धसंश्लेषित बहुलक कहते हैं।
उदाहरण
वल्कनीकृत रबर, सेलुलोस
वल्कनीकृत रबर
प्राकृतिक रबर उच्च ताप पर नर्म और निम्न ताप पर भंगुर हो जाता है। प्राकृतिक रबर अध्रुवीय विलायकों में घुलनशील है। यह आक्सीकरण अभिकर्मकों के प्रति प्रतिरोधी नहीं है इन भौतिक गुणों के आधार पर वल्कनीकरण की प्रक्रिया की जाती है। वल्कनीकरण से द्विबंध की स्थित पर सल्फर बंध बनता है और इस प्रकार रबर कठोर हो जाती है। सल्फर रबर में पॉलिमर श्रृंखलाओं के बीच क्रॉस-लिंक बनाता है। ये क्रॉस-लिंक एक त्रि-आयामी नेटवर्क संरचना बनाते हैं, जो रबर को नरम और चिपचिपी सामग्री से अधिक टिकाऊ, लोचदार और गर्मी प्रतिरोधी रूप में बदल देते हैं। वल्कनीकरण प्रक्रिया में तापमान और तापन की अवधि महत्वपूर्ण कारक हैं। मिश्रण को अक्सर लगभग 140-160 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है।
टायर जिस रबर से बनता है उसमे 5 % सल्फर का प्रयोग किया जाता है।
वल्कनीकरण के प्रमुख लाभ
- यह रबर की ताकत और स्थायित्व प्रदान करता है।
- वल्कनीकरण रबर को बेहतर लोच और लचीलापन प्रदान करता है।
- पर्यावरणीय कारकों और रसायनों के प्रति बेहतर प्रतिरोध प्रदान करता है।
- चिपचिपेपन में कमी और हैंडलिंग गुणों में सुधार प्रदान करता है।
सेलुलोस
ग्लूकोज़ या द्राक्ष शर्करा सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट है। यह जल में घुलनशील होता है तथा इसका रासायनिक सूत्र C₆H₁₂O₆ है। यह स्वाद में मीठा होता है तथा सजीवों की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का सर्व प्रमुख स्रोत है।सेलुलोज एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (C6H10O5)n है। यह एक बहुशर्करा (पॉलीसैक्कराइड शर्करा) है जिसमें एक ही प्रकार का अणु लगातार जुड़ने से एक हजारों अणुओं वाला बहुलक बन जाता है। बहुत सारे हरे पौधों की कोशिका भित्तियाँ सेलुलोज की ही बनी होतीं हैं और जीव-जगत में इसका बहुत महत्व है। कपास के रेशों का 90% हिस्सा सेलुलोज होता है। सेलुलोज वस्तुत: तीन प्रकार का होता है; ऐल्फा सेलुलोज, बीटा सेलुलोज तथा गामा सेलुलोज। रूई से प्राप्त शुद्ध सेलुलोज में प्राय: 99 प्रतिशत ऐल्फा सेलुलोज रहता है। इसे प्राप्त करने के लिए रूई को 130 से. 180 सें. पर सोडियम हाइड्राक्साइड के 2 से 5 प्रतिशत विलयन के दाब में उपचारित करते, फिर विरंजित करते और अंत में धोकर सफाई करते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- सेलुलोज क्या है?
- सेलुलोज की मानव शरीर में क्या भूमिका है ?
- संश्लेषित रबर किस प्रकार का बहुलक है?
- रबर का वल्कनीकरण क्या है?