पुरस्सरण: Difference between revisions
Listen
No edit summary |
|||
| Line 1: | Line 1: | ||
Precession | Precession | ||
पुरस्सरण (अग्रगमन,अंग्रेजी में : प्रेस्शन ) एक परिघटना है जिसमें किसी वस्तु के घूर्णन के अक्ष का घूर्णन शामिल होता है। यह घूमती हुई वस्तु की धुरी की धीमी गोलाकार गति है क्योंकि यह घूमती है। पुरस्सरण | पुरस्सरण (अग्रगमन,अंग्रेजी में : प्रेस्शन ) एक परिघटना है जिसमें किसी वस्तु के घूर्णन के अक्ष का घूर्णन शामिल होता है। यह घूमती हुई वस्तु की धुरी की धीमी गोलाकार गति है क्योंकि यह घूमती है। पुरस्सरण की समझ के लिए, इस लेख में एक उदाहरण के रूप में कताई शीर्ष पर विचार करें। | ||
== कुछ प्रमुख बिंदु == | == कुछ प्रमुख बिंदु == | ||
Revision as of 07:46, 12 March 2024
Precession
पुरस्सरण (अग्रगमन,अंग्रेजी में : प्रेस्शन ) एक परिघटना है जिसमें किसी वस्तु के घूर्णन के अक्ष का घूर्णन शामिल होता है। यह घूमती हुई वस्तु की धुरी की धीमी गोलाकार गति है क्योंकि यह घूमती है। पुरस्सरण की समझ के लिए, इस लेख में एक उदाहरण के रूप में कताई शीर्ष पर विचार करें।
कुछ प्रमुख बिंदु
पुरस्सरण के बारे में समझने के लिए यहां कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
बाहरी बलाघूर्ण
जब कोई बाहरी बलाघूर्ण किसी घूमती हुई वस्तु पर लगाया जाता है तो पुरस्सरण होता है। टॉर्क रोटेशन की धुरी को टॉर्क और ऑब्जेक्ट के कोणीय गति के लंबवत गोलाकार गति में घुमाने का कारण बनता है।
कोणीय संवेग
कोणीय संवेग, एक घूर्णनशील वस्तु का एक गुण है और यह वस्तु की जड़त्व आघूर्ण और उसके कोणीय वेग दोनों पर निर्भर करता है। पुरस्सरण की स्थिति में, बाहरी बलाघूर्ण के कारण कोणीय संवेग सदिश की दिशा बदल जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अक्ष की वृत्तीय गति होती है।
पुरस्सरण के उदाहरण
विभिन्न स्थितियों में रियायत देखी जा सकती है। कुछ उदाहरणों में जाइरोस्कोप का घूमना, घूमते हुए शीर्ष की लड़खड़ाती गति, या अपनी धुरी के चारों ओर पृथ्वी का पुरस्सरण शामिल है, जो विषुवों के पुरस्सरण को जन्म देता है।
उद्धाहरण से पुरस्सरण के कारक की समझ : और पृथ्वी का उद्धाहरण
पुरस्सरण भौतिकी के एक सिद्धांत के कारण है, जिसे टॉर्क कहा जाता है। टॉर्क, एक घुमाने या मोड़ने वाला बल है, जो किसी वस्तु पर कार्य करता है। घूमते हुए शीर्ष के मामले में, गुरुत्वाकर्षण बल शीर्ष को नीचे की ओर खींचता है और एक बलाघूर्ण बनाता है, जो शीर्ष को गिराने का प्रयास करता है।
कताई लट्टू
इस लट्टू के अपने ऊर्ध्वाधर अक्ष के चारों ओर तीव्रता से घूमने के (काल्पनिक) उदाहरण में क्रमावर्तन (रोटेशन) के शीर्ष का अक्ष पूरी तरह से लंबवत न रह कर एक गोलाकार गति में झुकता है। शिखर के अक्ष की इस वृत्ताकार गति को पुरस्सरण के रूप में जाना जाता है।
एक कताई वस्तु पर कार्य करने वाले बाहरी आघूर्ण बल के कारण सुविधा होती है। आघूर्ण बल वस्तु के कोणीय गति वेक्टर को दिशा बदलने का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्ष की परिपत्र गति होती है। यह बाहरी आघूर्ण बल विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, जैसे कि गुरुत्वाकर्षण बल, लागू बल या घर्षण।
लेकिन शीर्ष पर कोणीय गति होती है, जो घूमने वाली वस्तुओं का गुण है। कोणीय गति, इस बात का माप है कि कोई वस्तु कितनी तेजी से घूम रही है और उसकी धुरी के चारों ओर कितना द्रव्यमान वितरित है। जब गुरुत्वाकर्षण बल के कारण शीर्ष झुकना आरंभ कर देता है, तो घूमने वाले शीर्ष का कोणीय संवेग इसे एक अलग अक्ष के चारों ओर घूमने का कारण बनता है।
पृथ्वी का उद्धाहरण
पुरस्सरण के इस विचार को बड़े माप पर लाने पर, स्वयं पृथ्वी ही पुरस्सरण का अनुभव करती है। पृथ्वी एक पूर्ण गोलाकार नहीं है और यह अपनी धुरी पर थोड़ी झुकी हुई है। यह झुकाव ही ऋतुओं का कारक है। लेकिन लंबे समय में, पृथ्वी की धुरी धीरे-धीरे आकाश में एक वृत्त का पता लगा लेती है।
पृथ्वी की गति का मुख्य कारण चंद्रमा और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल है। घूमने वाले शीर्ष की तरह, पृथ्वी इन गुरुत्वाकर्षण बलों के कारण टॉर्क का अनुभव करती है। यह बल लगभग 26,000 वर्षों की अवधि में पृथ्वी की धुरी को धीरे-धीरे घूमने का कारण बनता है ।
इन दो उदाहरणों को क्रमश: कताई लट्टू व पृथ्वी के पुरस्सरण के रूप में जाना जाता है।
संक्षेप में
पुरस्सरण एक आकर्षक घटना है जो नित्य-प्रति की वस्तुओं और प्राकृतिक प्रणालियों दोनों में देखी जाती है। यह भौतिकी, इंजीनियरिंग और खगोल विज्ञान सहित अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।