फैराडे व हेनरी के प्रयोग: Difference between revisions

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Experiments of Faraday and Henry
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हेनरी और फैराडे के प्रयोग विद्युत चुंबकत्व के क्षेत्र में मौलिक योगदान हैं, जो भौतिकी की एक शाखा है जो बिजली और चुंबकत्व के बीच संबंधों का अध्ययन करती है। आइए एक नए भौतिकी विषय के छात्र के लिए उनके प्रयोगों को सरल तरीके से तोड़ें:
== हेनरी का प्रयोग ==
माइकल फैराडे और जोसेफ हेनरी दो वैज्ञानिक थे जिन्होंने 19वीं शताब्दी में ऐसे प्रयोग किए जिन्होंने विद्युत चुंबकत्व की नींव स्थापित करने में मदद की। आइए हेनरी के प्रयोग से शुरुआत करें:
   सेटअप: जोसेफ हेनरी ने तार की एक कुंडली और एक बैटरी का उपयोग करके एक सरल प्रयोग डिजाइन किया। उसने एक लंबे तार को कुंडल में लपेटा, जिससे एक सोलनॉइड बन गया। फिर उसने तार के सिरों को एक बैटरी से जोड़ दिया।
   अवलोकन: जब हेनरी ने बैटरी को तार की कुंडली से जोड़ा, तो उसे कुछ दिलचस्प चीज़ नज़र आई। बैटरी कनेक्ट या डिस्कनेक्ट होने पर कॉइल के पास रखी एक चुंबकीय सुई विक्षेपित (स्थानांतरित) हो गई थी। इससे संकेत मिलता है कि तार के माध्यम से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा इसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है।
   व्याख्या: हेनरी के प्रयोग से पता चला कि बिजली और चुंबकत्व जुड़े हुए हैं। जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो यह तार के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। इस अवधारणा ने यह समझने के लिए आधार तैयार किया कि विद्युत धाराएं चुंबकत्व कैसे पैदा करती हैं।
== फैराडे का प्रयोग: ==
   सेटअप: माइकल फैराडे के प्रयोग में तार की एक कुंडली और एक चुंबक शामिल था। उन्होंने तार का एक कुंडल लिया और इसे गैल्वेनोमीटर (एक उपकरण जो विद्युत धाराओं का पता लगाता है) से जोड़ दिया। फिर उसने एक चुंबक को कुंडल के अंदर और बाहर घुमाया।
   अवलोकन: जैसे ही फैराडे ने चुंबक को कुंडल के अंदर और बाहर घुमाया, उसने गैल्वेनोमीटर में एक विक्षेपण देखा। जब उन्होंने चुंबक को कुंडल में घुमाया, तो गैल्वेनोमीटर ने एक दिशा में एक अस्थायी विद्युत प्रवाह दिखाया। जब उसने चुंबक को बाहर निकाला, तो गैल्वेनोमीटर ने विपरीत दिशा में करंट दिखाया।
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Revision as of 12:02, 17 August 2023

Experiments of Faraday and Henry

हेनरी और फैराडे के प्रयोग विद्युत चुंबकत्व के क्षेत्र में मौलिक योगदान हैं, जो भौतिकी की एक शाखा है जो बिजली और चुंबकत्व के बीच संबंधों का अध्ययन करती है। आइए एक नए भौतिकी विषय के छात्र के लिए उनके प्रयोगों को सरल तरीके से तोड़ें:

हेनरी का प्रयोग

माइकल फैराडे और जोसेफ हेनरी दो वैज्ञानिक थे जिन्होंने 19वीं शताब्दी में ऐसे प्रयोग किए जिन्होंने विद्युत चुंबकत्व की नींव स्थापित करने में मदद की। आइए हेनरी के प्रयोग से शुरुआत करें:

   सेटअप: जोसेफ हेनरी ने तार की एक कुंडली और एक बैटरी का उपयोग करके एक सरल प्रयोग डिजाइन किया। उसने एक लंबे तार को कुंडल में लपेटा, जिससे एक सोलनॉइड बन गया। फिर उसने तार के सिरों को एक बैटरी से जोड़ दिया।

   अवलोकन: जब हेनरी ने बैटरी को तार की कुंडली से जोड़ा, तो उसे कुछ दिलचस्प चीज़ नज़र आई। बैटरी कनेक्ट या डिस्कनेक्ट होने पर कॉइल के पास रखी एक चुंबकीय सुई विक्षेपित (स्थानांतरित) हो गई थी। इससे संकेत मिलता है कि तार के माध्यम से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा इसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है।

   व्याख्या: हेनरी के प्रयोग से पता चला कि बिजली और चुंबकत्व जुड़े हुए हैं। जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो यह तार के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। इस अवधारणा ने यह समझने के लिए आधार तैयार किया कि विद्युत धाराएं चुंबकत्व कैसे पैदा करती हैं।

फैराडे का प्रयोग:

   सेटअप: माइकल फैराडे के प्रयोग में तार की एक कुंडली और एक चुंबक शामिल था। उन्होंने तार का एक कुंडल लिया और इसे गैल्वेनोमीटर (एक उपकरण जो विद्युत धाराओं का पता लगाता है) से जोड़ दिया। फिर उसने एक चुंबक को कुंडल के अंदर और बाहर घुमाया।

   अवलोकन: जैसे ही फैराडे ने चुंबक को कुंडल के अंदर और बाहर घुमाया, उसने गैल्वेनोमीटर में एक विक्षेपण देखा। जब उन्होंने चुंबक को कुंडल में घुमाया, तो गैल्वेनोमीटर ने एक दिशा में एक अस्थायी विद्युत प्रवाह दिखाया। जब उसने चुंबक को बाहर निकाला, तो गैल्वेनोमीटर ने विपरीत दिशा में करंट दिखाया।