पुंकेसर: Difference between revisions
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पुंकेसर पुष्प का नर भाग है जिसमें परागकण उत्पन्न होता है। इसके दो हिस्से होते हैं जिन्हे डंठल और परागकोश कहा जाता है I पुंकेसर का एक अंत डंठल के माध्यम से थैलेमस या पंखुड़ी से जुड़ा हुआ होता है। विभिन्न प्रजातियों के फूलों में पुंकेसर की संख्या और लंबाई अलग-अलग होती है। | |||
अगर आप अपने आस-पास के फूलों को इकट्ठा करते हैं और उनके पुंकेसर को ध्यान से देखते हैं तो आप उनमें पाई जाने वाली विविधता से आनंदमय हो उठेंगेI | |||
आइए इसे एक क्रिया की सहायता से समझते हैं- | |||
आप पांच फूल एकत्र करें और उनमें से प्रत्येक से पुंकेसर को काटें और उन्हें विच्छेदन माइक्रोस्कोप की सहायता से स्लाइड पर व्यवस्थित करें तो आपको आकार और व्यवस्था में बड़ी विविधता दिखाई देगीI पुंकेसर में पाई जाने वली इस विविधता के साफ आरेख बनए। | |||
Revision as of 20:34, 1 September 2023
पुंकेसर पुष्प का नर भाग है जिसमें परागकण उत्पन्न होता है। इसके दो हिस्से होते हैं जिन्हे डंठल और परागकोश कहा जाता है I पुंकेसर का एक अंत डंठल के माध्यम से थैलेमस या पंखुड़ी से जुड़ा हुआ होता है। विभिन्न प्रजातियों के फूलों में पुंकेसर की संख्या और लंबाई अलग-अलग होती है।
अगर आप अपने आस-पास के फूलों को इकट्ठा करते हैं और उनके पुंकेसर को ध्यान से देखते हैं तो आप उनमें पाई जाने वाली विविधता से आनंदमय हो उठेंगेI
आइए इसे एक क्रिया की सहायता से समझते हैं-
आप पांच फूल एकत्र करें और उनमें से प्रत्येक से पुंकेसर को काटें और उन्हें विच्छेदन माइक्रोस्कोप की सहायता से स्लाइड पर व्यवस्थित करें तो आपको आकार और व्यवस्था में बड़ी विविधता दिखाई देगीI पुंकेसर में पाई जाने वली इस विविधता के साफ आरेख बनए।