डाइहाइड्रोजन: Difference between revisions
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<chem>Zn(s) + 2NaOH (aq) -> Na2ZnO2(aq) + H2(g)</chem> | <chem>Zn(s) + 2NaOH (aq) -> Na2ZnO2(aq) + H2(g)</chem> | ||
=== डाई हाइड्रोजन बनाने की औद्योगिक विधि === | |||
अल्प मात्रा में अम्ल की उपस्थित में प्लेटिनम इलेक्ट्रोड का उपयोग करके जल का विधुत-अपघटन से डाइहाइड्रोजन प्राप्त की जाती है। | |||
<chem>2H2O(l) -> 2H2(g) + O2(g)</chem> | |||
=== हाइड्रोकार्बन द्वारा हाइड्रोजन का निर्माण === | |||
हाइड्रोकार्बन अथवा कोक की उच्च ताप पर एवं उत्प्रेरक की उपस्थित में भाप से अभिक्रिया कराने पर डाइहाइड्रोजन प्राप्त होती है। | |||
<chem>CH4(g) + H2O(g) -> CO(g) + 3H2(g)</chem> | |||
CO + H<sub>2</sub> के मिश्रण को '''"वाटर गैस"''' कहते हैं। एवं CO + H<sub>2</sub> का यह मिश्रण अन्य हाइड्रोकार्बन के संश्लेषण में काम आता है। अतः इसे '''"संश्लेषण गैस"''' या सिनगैस भी कहते हैं। | |||
Revision as of 16:34, 29 September 2023
डाई हाइड्रोजन ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला अतिबाहुल्य तत्व है तथा यह सौरवायुमंडल का प्रमुख तत्व है। बड़े- बड़े ग्रह जैसे बृहस्पति तथा शनि में अधिकांशतः हाइड्रोजन उपस्थित होती है लेकिन यह भार में हल्की होने के कारण यह पृथ्वी के वायुमंडल में कम मात्रा में पायी जाती है। संयुक्त अवस्था में जल के अतिरिक्त यह पादप तथा जंतु ऊतकों, कार्बोहाइड्रेट और अन्य यौगिकों में पायी जाती हैं।
डाई हाइड्रोजन बनाने की विधि
डाई हाइड्रोजन बनाने की प्रयोगशाला विधि
सामान्यतः दानेदार ज़िंक की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करके बनाई जाती है।
यह ज़िंक धातु की जलीय क्षार के साथ अभिक्रिया करके भी बनाई जाती है, जिसमें सोडियम ज़िंकेट के साथ हाइड्रोजन गैस भी प्राप्त होती है।
डाई हाइड्रोजन बनाने की औद्योगिक विधि
अल्प मात्रा में अम्ल की उपस्थित में प्लेटिनम इलेक्ट्रोड का उपयोग करके जल का विधुत-अपघटन से डाइहाइड्रोजन प्राप्त की जाती है।
हाइड्रोकार्बन द्वारा हाइड्रोजन का निर्माण
हाइड्रोकार्बन अथवा कोक की उच्च ताप पर एवं उत्प्रेरक की उपस्थित में भाप से अभिक्रिया कराने पर डाइहाइड्रोजन प्राप्त होती है।
CO + H2 के मिश्रण को "वाटर गैस" कहते हैं। एवं CO + H2 का यह मिश्रण अन्य हाइड्रोकार्बन के संश्लेषण में काम आता है। अतः इसे "संश्लेषण गैस" या सिनगैस भी कहते हैं।