गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम: Difference between revisions
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गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम बताता है कि द्रव्यमान वाली प्रत्येक वस्तु द्रव्यमान वाली प्रत्येक वस्तु को कैसे आकर्षित करती है। आकर्षण के इस बल को द्रव्यमान, दूरी और सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक से जुड़े समीकरण द्वारा वर्णित किया गया है। कानून यह भी कहता है कि व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन करते हुए, बढ़ती दूरी के साथ बल तेजी से घटता है। यह नियम गुरुत्वाकर्षण और ब्रह्मांड में वस्तुओं पर इसके प्रभाव की हमारी समझ के लिए मौलिक है। | गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम बताता है कि द्रव्यमान वाली प्रत्येक वस्तु द्रव्यमान वाली प्रत्येक वस्तु को कैसे आकर्षित करती है। आकर्षण के इस बल को द्रव्यमान, दूरी और सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक से जुड़े समीकरण द्वारा वर्णित किया गया है। कानून यह भी कहता है कि व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन करते हुए, बढ़ती दूरी के साथ बल तेजी से घटता है। यह नियम गुरुत्वाकर्षण और ब्रह्मांड में वस्तुओं पर इसके प्रभाव की हमारी समझ के लिए मौलिक है। | ||
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Revision as of 09:07, 4 October 2023
Universal Law of Gravitation
सर आइजैक न्यूटन द्वारा प्रतिपादित गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम, भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जो बताता है कि द्रव्यमान वाली प्रत्येक वस्तु द्रव्यमान वाली हर दूसरी वस्तु को कैसे आकर्षित करती है। यह गुरुत्वाकर्षण बल के लिए जिम्मेदार है जो ग्रहों को कक्षा में, पृथ्वी की सतह पर वस्तुओं और कई अन्य खगोलीय घटनाओं को बनाए रखता है।
महत्वपूर्ण अवधारणाएं
द्रव्यमान
द्रव्यमान किसी वस्तु में पदार्थ की मात्रा का माप है। द्रव्यमान वाली सभी वस्तुएं गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव करती हैं, और इस बल की ताकत शामिल वस्तुओं के द्रव्यमान पर निर्भर करती है।
गुरुत्वाकर्षण बल
गुरुत्वाकर्षण बल दो द्रव्यमान वाली वस्तुओं के बीच लगने वाला आकर्षक बल है। यह दो वस्तुओं के केंद्रों को जोड़ने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करता है। बल हमेशा आकर्षक होता है, वस्तुओं को एक साथ खींचता है।
व्युत्क्रम वर्ग नियम
गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम के अनुसार, दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल की ताकत उनके केंद्रों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है। इसका मतलब यह है कि यदि आप दूरी को दोगुना करते हैं, तो बल चार गुना कम हो जाता है, और यदि आप दूरी को तीन गुना कर देते हैं, तो बल नौ गुना कम हो जाता है।
गणितीय समीकरण
गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम को गणितीय रूप से निम्नलिखित समीकरण द्वारा दर्शाया गया है:
जहाँ:
दो वस्तुओं के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल है।
सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक (एक स्थिर मान) है।
और दो वस्तुओं के द्रव्यमान हैं।
दो वस्तुओं के केंद्रों के बीच की दूरी है।
रेखांकन
व्युत्क्रम वर्ग नियम को दर्शाने वाला एक ग्राफ दर्शाता है कि दो वस्तुओं के बीच की दूरी बढ़ने पर गुरुत्वाकर्षण बल कैसे कम हो जाता है। ग्राफ़ में -अक्ष पर दूरी () और -अक्ष पर गुरुत्वाकर्षण बल () होगा। यह एक वक्र को चित्रित करेगा जहां दूरी बढ़ने पर बल तेजी से घटता है, व्युत्क्रम वर्ग संबंध पर जोर देता है।
रेखांकन की समझ
- जैसे-जैसे (दूरी) बढ़ती है, (बल) घटता है।
- और के बीच संबंध रैखिक नहीं है बल्कि एक घुमावदार पैटर्न का अनुसरण करता है, जो व्युत्क्रम वर्ग नियम को दर्शाता है।
संक्षेप में
गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम बताता है कि द्रव्यमान वाली प्रत्येक वस्तु द्रव्यमान वाली प्रत्येक वस्तु को कैसे आकर्षित करती है। आकर्षण के इस बल को द्रव्यमान, दूरी और सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक से जुड़े समीकरण द्वारा वर्णित किया गया है। कानून यह भी कहता है कि व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन करते हुए, बढ़ती दूरी के साथ बल तेजी से घटता है। यह नियम गुरुत्वाकर्षण और ब्रह्मांड में वस्तुओं पर इसके प्रभाव की हमारी समझ के लिए मौलिक है।