कैंसरजन्य गुण तथा विषाक्तता: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 12: Line 12:
* रासायनिक  
* रासायनिक  


कैंसर गुण  
=== कैंसर गुण तथा विषाक्तता ===
 
बेंज़ीन या बहुलकेन्द्रकीय हाइड्रोकार्बन, जिनमें दो से अधिक जुडी हुई वलय होती है उन्हें विषाक्ता तथा कैंसर जनित गुण दर्शाते हैं। बहुलकेन्द्रकीय हाइड्रोकार्बन, कार्बनिक पदार्थ जैसे - तम्बाकू, कोल तथा पेट्रोलियम के अपूर्ण दहन से बनते हैं। यह मानव के शरीर में प्रवेश कर विभन्न जैव रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा DNA को अंततः नष्ट कर कैंसर उत्पन्न करते हैं।  
बेंज़ीन या बहुलकेन्द्रकीय हाइड्रोकार्बन, जिनमें दो से अधिक जुडी हुई वलय होती है उन्हें विषाक्ता तथा कैंसर जनित गुण दर्शाते हैं। बहुलकेन्द्रकीय हाइड्रोकार्बन, कार्बनिक पदार्थ जैसे - तम्बाकू, कोल तथा पेट्रोलियम के अपूर्ण दहन से बनते हैं। यह मानव के शरीर में प्रवेश कर विभन्न जैव रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा DNA को अंततः नष्ट कर कैंसर उत्पन्न करते हैं।  



Revision as of 11:27, 19 October 2023

विषाक्ता उस डिग्री को संदर्भित करता है। जब तक किसी पदार्थ या रासायनिक पदार्थों का एक विशिष्ट मिश्रण किसी जीव को नुकसान नहीं पहुँचता है। यह जीव पर सम्पूर्ण प्रभाव को संदर्भित करता है।

विषाक्ता से तात्पर्य किसी भी चीज़ की अधिकता से है। यदि जल को भी असामान्य रूप से अधिक मात्रा में लिया जाये तो जल भी नशीला हो सकता है। और यदि किसी जहरीले पदार्थ को कम मात्रा में लिया जाये तो वो भी कम विषैला हो सकता है।

विषाक्ता के प्रकार

जहरीली इकाइयां चार प्रकार की होती हैं।

  • विकिरण
  • भौतिक
  • जैविक
  • रासायनिक

कैंसर गुण तथा विषाक्तता

बेंज़ीन या बहुलकेन्द्रकीय हाइड्रोकार्बन, जिनमें दो से अधिक जुडी हुई वलय होती है उन्हें विषाक्ता तथा कैंसर जनित गुण दर्शाते हैं। बहुलकेन्द्रकीय हाइड्रोकार्बन, कार्बनिक पदार्थ जैसे - तम्बाकू, कोल तथा पेट्रोलियम के अपूर्ण दहन से बनते हैं। यह मानव के शरीर में प्रवेश कर विभन्न जैव रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा DNA को अंततः नष्ट कर कैंसर उत्पन्न करते हैं।

कई रेडियोधर्मी पदार्थ को कार्सिनोजेनिक के रूप में जाना जाता है। यह कार्सिनोजेनिक व्यवहार उनके द्वारा उत्सर्जित विकिरण के कारण होता है।

गामा किरणें और अल्फा कण कैंसरकारी पदार्थों के कुछ उदाहरण हैं।

कैंसर बीमारियों का एक समूह है जो शरीर के अन्य हिस्सों में असामान्य वृद्धि का कारण बनता है। इस बीमारी से शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचता है। जो सीधे शरीर के कई जैविक प्रक्रियाओं से जुड़ता हैं। जिससे तुमेर का खतरा बढ़ जाता है।