रासायनिक अभिक्रिया वेग: Difference between revisions
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दर को सामान्यतः किसी मात्रा में परिवर्तन उस परिवर्तन को उत्पन्न करने के लिए आवश्यक समय के अनुपात के रूप में व्यक्त किया जाता है। | |||
<math>Rate = \frac{change in some quantity}{time taken for the change}</math> | |||
<math>rate = \frac{\Delta X}{\Delta t}</math> | |||
किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में एक पदार्थ दुसरे पदार्थ में कुछ परिस्थितियों और दिए गए समय में परिवर्तित होता है, उसे अभिक्रिया के वेग कहते हैं कोई भी अभिक्रिया कितनी जल्दी या धीरे घटित हो रही है और पूरी तरह घटित होने में कितना समय लेती है इस बात की गणना अभिक्रिया के वेग द्वारा की जाती है जिसे निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है। | |||
'''"इकाई समय में अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता में हुए परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया का वेग कहते है।"''' | |||
== रासायनिक अभिक्रिया के भाग == | |||
रासायनिक अभिक्रिया को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है: | |||
1. तात्क्षणिक अभिक्रिया | |||
2. मन्द अभिक्रिया | |||
3. मध्यम अभिक्रिया | |||
=== तात्क्षणिक अभिक्रिया === | |||
वे अभिक्रियायें जो बहुत ही तीव्रता के साथ घटित होती है अर्थात इस प्रकार की अभिक्रियाएँ कुछ ही क्षणों में पूर्ण हो जाती है , ये अभिक्रिया इतनी तेजी के साथ होती है कि इनके वेग की गणना नहीं की जा सकती है। | |||
उदाहरण : आयनिक अभिक्रियाएँ | |||
=== मन्द अभिक्रिया === | |||
ऐसी अभिक्रियाएँ जो संपन्न होने में बहुत अधिक समय लेती है, इनका वेग बहुत कम होता है और इसलिए ही इन्हें मंद अभिक्रिया कहा जाता है , इस प्रकार की अभिक्रियाओं को कुछ मिनट से लेकर कई वर्षो लग सकते है। | |||
उदाहरण : लोहे पर जंग लगना | |||
=== मध्यम अभिक्रिया === | |||
वे अभिक्रिया जिनका वेग तीव्र अभिक्रियाओं और मंद अभिक्रियाओं के मध्य में होता है अर्थात ये अभिक्रियाएँ मंद अभिक्रियाओं से जल्दी लेकिन तीव्र अभिक्रियाओं से देरी से संपन्न होती है। | |||
जब कोई अभिक्रिया संपन्न होती है तो समय के साथ उस अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों की सांद्रता का मान समय के साथ कम होता जाता है अर्थात अभिकारक की सांद्रता समय के साथ कम होती जाती है। | |||
<chem>aA + bB -> cC + dD</chem> | |||
अभिक्रिया की दर <math>\propto</math> [A]<sup>a</sup> [B]<sup>b</sup> | |||
अभिक्रिया की दर = k [A]<sup>a</sup> [B]<sup>b</sup> | |||
अभिक्रिया का वेग = <math>- \frac{1}{a} \frac{\Delta [A]}{\Delta [t]}</math> <math>= - \frac{1}{b} \frac{\Delta [B]}{\Delta [t]}</math> <math>= + \frac{1}{c} \frac{\Delta [C]}{\Delta [t]}</math> <math>= + \frac{1}{d} \frac{\Delta [D]}{\Delta [t]}</math> | |||
Revision as of 11:19, 29 February 2024
दर को सामान्यतः किसी मात्रा में परिवर्तन उस परिवर्तन को उत्पन्न करने के लिए आवश्यक समय के अनुपात के रूप में व्यक्त किया जाता है।
किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में एक पदार्थ दुसरे पदार्थ में कुछ परिस्थितियों और दिए गए समय में परिवर्तित होता है, उसे अभिक्रिया के वेग कहते हैं कोई भी अभिक्रिया कितनी जल्दी या धीरे घटित हो रही है और पूरी तरह घटित होने में कितना समय लेती है इस बात की गणना अभिक्रिया के वेग द्वारा की जाती है जिसे निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है।
"इकाई समय में अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता में हुए परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया का वेग कहते है।"
रासायनिक अभिक्रिया के भाग
रासायनिक अभिक्रिया को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है:
1. तात्क्षणिक अभिक्रिया
2. मन्द अभिक्रिया
3. मध्यम अभिक्रिया
तात्क्षणिक अभिक्रिया
वे अभिक्रियायें जो बहुत ही तीव्रता के साथ घटित होती है अर्थात इस प्रकार की अभिक्रियाएँ कुछ ही क्षणों में पूर्ण हो जाती है , ये अभिक्रिया इतनी तेजी के साथ होती है कि इनके वेग की गणना नहीं की जा सकती है।
उदाहरण : आयनिक अभिक्रियाएँ
मन्द अभिक्रिया
ऐसी अभिक्रियाएँ जो संपन्न होने में बहुत अधिक समय लेती है, इनका वेग बहुत कम होता है और इसलिए ही इन्हें मंद अभिक्रिया कहा जाता है , इस प्रकार की अभिक्रियाओं को कुछ मिनट से लेकर कई वर्षो लग सकते है।
उदाहरण : लोहे पर जंग लगना
मध्यम अभिक्रिया
वे अभिक्रिया जिनका वेग तीव्र अभिक्रियाओं और मंद अभिक्रियाओं के मध्य में होता है अर्थात ये अभिक्रियाएँ मंद अभिक्रियाओं से जल्दी लेकिन तीव्र अभिक्रियाओं से देरी से संपन्न होती है।
जब कोई अभिक्रिया संपन्न होती है तो समय के साथ उस अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों की सांद्रता का मान समय के साथ कम होता जाता है अर्थात अभिकारक की सांद्रता समय के साथ कम होती जाती है।
अभिक्रिया की दर [A]a [B]b
अभिक्रिया की दर = k [A]a [B]b
अभिक्रिया का वेग =