कंजकटिव ऊतक: Difference between revisions

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इन कोशिकाओं में द्वितीयक वृद्धि के दौरान संवहन कैंबियम तथा पार्श्वीय मूल प्रेरित होती है। पिथ छोटी अथवा अस्पष्ट होती है। पैरेंकाइमी कोशिकाएँ जो जाइलम तथा फ्लोएम बंडल के बीच में हैं उन्हें कंजकटिव ऊतक कहते हैं। पैरेंकाइमी कोशिकाएँ जो जाइलम तथा फ्लोएम बंडल. के बीच में हैं उन्हें कंजकटिव [[ऊतक]] कहते हैं। दो से चार तक जाइलम तथा फ्लोएम के खंड होते हैं पेरीसाइकिल संवहनी पौधों की जड़ संरचना में एक महत्वपूर्ण ऊतक है। यह जड़ के विकास, [[वृद्धि]] और [[द्वितीयक वृद्धि]] प्रक्रियाओं में आवश्यक भूमिका निभाता है।
पेरीसाइकिल एंडोडर्मिस के ठीक अंदर और जड़ में संवहनी बंडलों के आसपास स्थित है। यह जड़ की आंतरिक संरचना का हिस्सा है।
=== संरचना ===
* इसमें पैरेन्काइमा कोशिकाओं की एक परत होती है, जो पौधे की प्रजातियों के आधार पर मोटाई में भिन्न हो सकती है।
* कुछ पौधों में, अतिरिक्त समर्थन के लिए पेरीसाइकिल में कोलेनकाइमा या [[स्क्लेरेनकाइमा]] कोशिकाएँ भी हो सकती हैं।
== पेरीसाइकिल के कार्य ==
=== पार्श्व जड़ों का निर्माण ===
* पेरीसाइकिल मुख्य रूप से पार्श्व जड़ों (द्वितीयक जड़ों) की शुरुआत और विकास के लिए जिम्मेदार है।
* पार्श्व जड़ें पेरीसाइकिल से तब निकलती हैं जब यह विभाजित होती है और जड़ की बाहरी परतों से होकर निकलती है।
=== द्वितीयक वृद्धि ===
* कुछ द्विबीजपत्री पौधों में, पेरीसाइकिल कैम्बियम बनाकर द्वितीयक वृद्धि में योगदान दे सकता है, जिससे अतिरिक्त संवहनी ऊतकों ([[जाइलम]] और [[फ्लोएम तंतु|फ्लोएम]]) का उत्पादन होता है।
* यह प्रक्रिया जड़ की मोटाई बढ़ाती है, जिससे पौधे को बड़ी संरचनाओं को सहारा देने में मदद मिलती है।
== भंडारण ==
पेरीसाइकिल में पैरेन्काइमा कोशिकाएँ स्टार्च या अन्य पोषक तत्वों को संग्रहीत करके भंडारण कार्य कर सकती हैं।
=== परिवहन ===
मुख्य रूप से संरचनात्मक और विकासात्मक होने के बावजूद, पेरीसाइकिल संवहनी बंडलों और आसपास के ऊतकों के बीच पानी और [[पोषक चक्रण|पोषक]] तत्वों के परिवहन में भी भूमिका निभाता है।
== पेरीसाइकिल का महत्व ==
'''जड़ विकास:''' पेरीसाइकिल एक मजबूत जड़ प्रणाली के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जो पौधे को स्थिर रखने और मिट्टी से पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए आवश्यक है।
'''अनुकूलन:''' पार्श्व जड़ों के निर्माण को सक्षम करके, पेरीसाइकिल पौधों को अपने पर्यावरण के अनुकूल होने की अनुमति देता है, जिससे संसाधनों तक पहुँचने की उनकी क्षमता बढ़ जाती है।
== अभ्यास प्रश्न ==
* पेरीसाइकिल क्या है, और यह पौधों की जड़ों में कहाँ स्थित है?
* पेरीसाइकिल की संरचना का वर्णन करें।
* पार्श्व जड़ों के निर्माण में पेरीसाइकिल की क्या भूमिका है?
* पेरीसाइकिल की संरचना इसके कार्य में कैसे योगदान देती है?
* पेरीसाइकिल आमतौर पर किस प्रकार के पौधों में पाया जाता है?
* उस प्रक्रिया की व्याख्या करें जिसके द्वारा पेरीसाइकिल से पार्श्व जड़ें बनती हैं।
* जड़ों की द्वितीयक वृद्धि में पेरीसाइकिल की क्या भूमिका है?
* जड़ों में पोषक तत्वों के भंडारण में पेरीसाइकिल कैसे योगदान देता है?
* जड़ विकास में पेरीसाइकिल के महत्व पर चर्चा करें।

Latest revision as of 07:59, 20 October 2024

इन कोशिकाओं में द्वितीयक वृद्धि के दौरान संवहन कैंबियम तथा पार्श्वीय मूल प्रेरित होती है। पिथ छोटी अथवा अस्पष्ट होती है। पैरेंकाइमी कोशिकाएँ जो जाइलम तथा फ्लोएम बंडल के बीच में हैं उन्हें कंजकटिव ऊतक कहते हैं। पैरेंकाइमी कोशिकाएँ जो जाइलम तथा फ्लोएम बंडल. के बीच में हैं उन्हें कंजकटिव ऊतक कहते हैं। दो से चार तक जाइलम तथा फ्लोएम के खंड होते हैं पेरीसाइकिल संवहनी पौधों की जड़ संरचना में एक महत्वपूर्ण ऊतक है। यह जड़ के विकास, वृद्धि और द्वितीयक वृद्धि प्रक्रियाओं में आवश्यक भूमिका निभाता है।

पेरीसाइकिल एंडोडर्मिस के ठीक अंदर और जड़ में संवहनी बंडलों के आसपास स्थित है। यह जड़ की आंतरिक संरचना का हिस्सा है।

संरचना

  • इसमें पैरेन्काइमा कोशिकाओं की एक परत होती है, जो पौधे की प्रजातियों के आधार पर मोटाई में भिन्न हो सकती है।
  • कुछ पौधों में, अतिरिक्त समर्थन के लिए पेरीसाइकिल में कोलेनकाइमा या स्क्लेरेनकाइमा कोशिकाएँ भी हो सकती हैं।

पेरीसाइकिल के कार्य

पार्श्व जड़ों का निर्माण

  • पेरीसाइकिल मुख्य रूप से पार्श्व जड़ों (द्वितीयक जड़ों) की शुरुआत और विकास के लिए जिम्मेदार है।
  • पार्श्व जड़ें पेरीसाइकिल से तब निकलती हैं जब यह विभाजित होती है और जड़ की बाहरी परतों से होकर निकलती है।

द्वितीयक वृद्धि

  • कुछ द्विबीजपत्री पौधों में, पेरीसाइकिल कैम्बियम बनाकर द्वितीयक वृद्धि में योगदान दे सकता है, जिससे अतिरिक्त संवहनी ऊतकों (जाइलम और फ्लोएम) का उत्पादन होता है।
  • यह प्रक्रिया जड़ की मोटाई बढ़ाती है, जिससे पौधे को बड़ी संरचनाओं को सहारा देने में मदद मिलती है।

भंडारण

पेरीसाइकिल में पैरेन्काइमा कोशिकाएँ स्टार्च या अन्य पोषक तत्वों को संग्रहीत करके भंडारण कार्य कर सकती हैं।

परिवहन

मुख्य रूप से संरचनात्मक और विकासात्मक होने के बावजूद, पेरीसाइकिल संवहनी बंडलों और आसपास के ऊतकों के बीच पानी और पोषक तत्वों के परिवहन में भी भूमिका निभाता है।

पेरीसाइकिल का महत्व

जड़ विकास: पेरीसाइकिल एक मजबूत जड़ प्रणाली के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जो पौधे को स्थिर रखने और मिट्टी से पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए आवश्यक है।

अनुकूलन: पार्श्व जड़ों के निर्माण को सक्षम करके, पेरीसाइकिल पौधों को अपने पर्यावरण के अनुकूल होने की अनुमति देता है, जिससे संसाधनों तक पहुँचने की उनकी क्षमता बढ़ जाती है।

अभ्यास प्रश्न

  • पेरीसाइकिल क्या है, और यह पौधों की जड़ों में कहाँ स्थित है?
  • पेरीसाइकिल की संरचना का वर्णन करें।
  • पार्श्व जड़ों के निर्माण में पेरीसाइकिल की क्या भूमिका है?
  • पेरीसाइकिल की संरचना इसके कार्य में कैसे योगदान देती है?
  • पेरीसाइकिल आमतौर पर किस प्रकार के पौधों में पाया जाता है?
  • उस प्रक्रिया की व्याख्या करें जिसके द्वारा पेरीसाइकिल से पार्श्व जड़ें बनती हैं।
  • जड़ों की द्वितीयक वृद्धि में पेरीसाइकिल की क्या भूमिका है?
  • जड़ों में पोषक तत्वों के भंडारण में पेरीसाइकिल कैसे योगदान देता है?
  • जड़ विकास में पेरीसाइकिल के महत्व पर चर्चा करें।