सहसंयोजक यौगिक

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वे योगिक जो इलेक्ट्रान की साझेदारी द्वारा बनते हैं सहसंयोजक योगिक कहलाते हैं। और उनमे बनने वाले बंध सहसंयोजक बंध कहलाते हैं। एक सहसंयोजक बंध दो परमाणुओं द्वारा इलेक्ट्रॉनों की एक जोड़ी साझा करने से बनता है जिन यौगिकों में केवल सह-संयोजक बन्ध होते हैं, उन्हें सह-संयोजक यौगिक कहते हैं। उदाहरणार्थ- मेथेन (CH4) एक सह-संयोजक यौगिक है। किसी तत्व के एक परमाणु द्वारा साझे में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या उस तत्व की सह-संयोजकता कहलाती है। ये अध्रुवीय यौगिक है क्योंकि इन पर कोई आवेश नहीं होता। ये विधुत के कुचालक होते हैं।

सहसंयोजक यौगिक के गुण

  • सहसंयोजक यौगिक उदासीन अणु द्वारा बने होते है। क्योंकि इन पर कोई आवेश नहीं होता।
  • सहसंयोजक यौगिकों के गलनांक व क्वथनांक सामान्यत: कम होते है।
  • सहसंयोजक यौगिकों के अणुओं के मध्य आकर्षण बल बहुत दुर्बल होता है।
  • ये अध्रुवीय यौगिक है।
  • ये विधुत के कुचालक होते हैं।
  • सहसंयोजक यौगिक ठोस, द्रव तथा गैसीय अवस्था में पाए जाते है।