प्रकीर्णन बल अथवा लंडन बल

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प्रकीर्णन बल या लन्दन बल

यह एक प्रकार का अंतरा-आणविक बल (अणुओं के मध्य उपस्थित आकर्षण बल अंतरा-आणविक बल कहलाता है) है। अंतरा-आणविक बल अणुओं के मध्य पारस्परिक क्रियाएं होने के कारण उत्पन्न होते हैं। अक्रिय गैस के परमाणुओं और अध्रुवीय अणुओं के मध्य उत्पन्न आकर्षण बल परिक्षेपण बल या लन्दन बल कहलाता है। इसे परिक्षेपण बल भी कहते हैं।

उदाहरण

He , Ar, Cl2, CH4, आदि के मध्य उत्पन्न आकर्षण बल परिक्षेपण बल या लन्दन बल कहलाता है।

अध्रुवीय अणुओं का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है, जबकि ध्रुवीय अणुओं में द्विध्रुव आघूर्ण का कुछ न कुछ मान अवश्य होता है। अध्रुवीय अणुओं में अस्थायी प्रेरित द्विध्रुव आघूर्ण होते हैं। प्रेरित द्विध्रुव प्रेरित द्विध्रुव आपस में पारस्परिक क्रिया द्वारा परिक्षेपण बल या लन्दन बल उतपन्न करते हैं।