उपसमुच्चय
परिचय
उपसमुच्चय संबंधों और फलनों की अवधारणाओं को परिभाषित करते हैं। ज्यामिति, अनुक्रम, प्रायिकता आदि में उपसमुच्चयों का ज्ञान आवश्यक है। एक समुच्चय के रूप में दर्शाए गए वस्तुओं का एक अच्छी तरह से परिभाषित संग्रह है। समुच्चय के तत्वों को अल्पविराम से अलग किया जाता है और कोष्ठक के भीतर संलग्न किया जाता है।
यदि सभी त्रिभुजों का समुच्चय है और सभी समबाहु त्रिभुजों का समुच्चय है, तो इसका अर्थ है कि का प्रत्येक अवयव का एक अवयव है। हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि , का एक उपसमुच्चय है।
नीचे दिए समुच्चयों पर विचार कीजिए:
= आपके विद्यालय के सभी विद्यार्थियों का समुच्चय,
= आपकी कक्षा के सभी विद्यार्थियों का समुच्चय ।
हम देखते हैं कि का प्रत्येक अवयव, का भी एक अवयव है, हम कहते हैं कि , X का एक उपसमुच्चय हैं का एक उपसमुच्चय है, प्रतीकों में द्वारा प्रकट करते हैं। प्रतीक ''कथन 'एक उपसमुच्चय है' अथवा 'अंतर्विष्ट है' के लिए प्रयुक्त होता है।
समुच्चय 11
परिभाषा 4 यदि समुच्चय A का प्रत्येक अवयव, समुच्चय B का भी एक अवयव है, तो A, B का उपसमुच्चय कहलाता है।
दूसरे शब्दों में, AC B, यदि जब कभी aE A, तो aE B. बहुधा प्रतीक '', जिसका अर्थ 'तात्पर्य है' होता है, का प्रयोग सुविधाजनक होता है। इस प्रतीक का प्रयोग कर के, हम उपसमुच्चय की परिभाषा इस प्रकार लिख सकते हैं:
AC B, यदि ∈ A ⇒ a€ B
हम उपर्युक्त कथन को इस प्रकार पढ़ते हैं, “A, B का एक उपसमुच्चय है, यदि इस तथ्य का, कि, A का एक अवयव है तात्पर्य है कि a, B का भी एक अवयव है"। यदि A, B का एक उपसमुच्चय नहीं है, तो हम लिखते हैं कि ACB |
हमें ध्यान देना चाहिए कि A को B का समुच्चय होने के लिए केवल मात्र यह आवश्यक है कि A का प्रत्येक अवयव B में है। यह संभव है कि B का प्रत्येक अवयव A में हो या न हो। यदि ऐसा होता है कि B का प्रत्येक अवयव A में भी है, तो BCA. इस दशा में, A और B समान समुच्चय हैं और इस प्रकार ACB और BCAA = B जहाँ '' द्विधा तात्पर्य (two way implications) के लिए प्रतीक है और जिसे प्राय: 'यदि और केवल यदि' पढ़ते हैं तथा संक्षेप में 'iff' लिखते हैं।
परिभाषा से निष्कर्ष निकलता है कि प्रत्येक समुच्चय स्वयम् का उपसमुच्चय है, अर्थात् AC A | चूँकि रिक्त समुच्चय 6 में कोई अवयव नहीं होता है अतः हम इस बात से सहमत हैं कि • प्रत्येक समुच्चय का एक उपसमुच्चय है। अब हम कुछ उदाहरणों पर विचार करते हैं:
(i) परिमेय संख्याओं का समुच्चय Q, वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R का एक
उपसमुच्चय है और हम लिखते हैं कि QCR.
(ii) यदि A, संख्या 56 के सभी भाजकों का समुच्चय है और B, संख्या 56 के सभी अभाज्य भाजकों का समुच्चय है, तो B. A का एक उपसमुच्चय है और हम लिखते हैं कि B
मान लीजिए कि A = {1, 3, 5) और B = {xx संख्या 6 से कम एक विषम प्राकृत संख्या है तो ACB तथा BCA, अतः A = B
(iv) मान लीजिए कि A = { a, e, i, o, u} और B = { a, b, c, d}. तो A, B का एक उपसमुच्चय नहीं है तथा B भी A का उपसमुच्चय नहीं है ।
मान लीजिए कि A और B दो समुच्चय हैं। यदि ACB तथा A ÷ B तो A, B का उचित उपसमुच्चय कहलाता है और B, A का अधिसमुच्चय कहलाता है। उदाहरणार्थ,
A = {1, 2, 3}, B = {1, 2, 3, 4} का एक उचित उपसमुच्चय है।
यदि समुच्चय A में केवल एक अवयव हो, तो हम इसे एक एकल समुच्चय कहते हैं। अतः (a) एक एकल समुच्चय है।